छब्बीसवाँ सामान्य सप्ताह
आज के संत: बालक येसु की संत तेरेसा


📒पहला पाठ- नहेम्या 2: 1-8

1 राजा अर्तज़र्कसीस के राज्यकाल के बीसवें वर्ष के नीसान महीने में मैंने अंगूरी ले कर राजा के सामने रखी। मैं पहले कभी उदास हो कर राजा के सामने नहीं आया था।

2 राजा ने मुझ से कहा, “तुम्हारा चेहरा क्यों उतरा हुआ है? तुम बीमार नहीं हो, इसलिए तुम किसी कारण से उदास हो।” मैं बहुत घबरा गया

3 और राजा से बोला, “महाराजा सदा जीते रहें। मेरा चेहरा क्यों न उतरा हो, जब कि वह नगर उजाड़ है, जहाँ मेरे पूर्वज दफ़नाये हुए हैं और उसके फाटक जल कर भस्म हो गये हैं?”

4 राजा ने मुझ से कहा, “तुम क्या चाहते हो?” मैंने स्वर्ग के ईश्वर से प्रार्थना की

5 और राजा को उत्तर दिया, “यदि महाराजा को अच्छा लगे और मुझ पर आपकी कृपादृष्टि हो, तो मुझे यूदा भेजिए, जिससे में उस नगर का पुनर्निर्माण करूँ, जहाँ मेरे पूर्वज दफ़नाये हुए हैं”।

6 रानी राजा के पास बैठी हुए हुई थी। राजा ने मुझ से पूछा, “यात्रा में कितना समय लगेगा और तुम कब वापस आओगे?” मैंने उसे एक निश्चित समय बताया और राजा ने मुझे जाने की अनुमति दे दी।

7 तब मैंने राजा से कहा, “यदि महाराजा को यह अच्छा लगे, तो मुझे नदी के उस पार के क्षत्रपों के नाम पत्र दिये जायें, जिससे, जब तक मैं यूदा न पहुँचूँ, वे मुझे अपने प्रान्त पार करने दें।

8 मुझे राजकीय वन के अध्यक्ष आसाफ़ के नाम भी एक पत्र दिया जाये। उस में मुझे लकड़ी देने का आदेश लिखा हो, जिससे मैं मन्दिर के निकटवर्ती गढ़ के फाटक, नगर की चारदीवारी और अपने रहने का घर बनवा सकूँ।” राजा ने मेरा निवेदन स्वीकार किया; क्योंकि मुझे अपने ईश्वर की कृपादृष्टि प्राप्त थी।


📙सुसमाचार – लूकस 9: 57-62

57 ईसा अपने शिष्यों के साथ यात्रा कर रहे थे कि रास्ते में ही किसी ने उन से कहा, “आप जहाँ कहीं भी जायेंगे, मैं आपके पीछे-पीछे चलूँगा”।

58 ईसा ने उसे उत्तर दिया, “लोमडि़यों की अपनी माँदें हैं और आकाश के पक्षियों के अपने घोंसले, परन्तु मानव पुत्र के लिए सिर रखने को भी अपनी जगह नहीं है”।

59 उन्होंने किसी दूसरे से कहा, “मेरे पीछे चले आओ”। परन्तु उसने उत्तर दिया, “प्रभु! मुझे पहले अपने पिता को दफ़नाने के लिए जाने दीजिए”।

60 ईसा ने उस से कहा, “मुरदों को अपने मुरदे दफनाने दो। तुम जा कर ईश्वर के राज्य का प्रचार करो।”

61 फिर कोई दूसरा बोला, “प्रभु! मैं आपका अनुसरण करूँगा, परन्तु मुझे अपने घर वालों से विदा लेने दीजिए”।

62 ईसा ने उस से कहा, “हल की मूठ पकड़ने के बाद जो मुड़ कर पीछे देखता है, वह ईश्वर के राज्य के योग्य नहीं”।