चालीसे का पाँचवाँ

सप्ताह संत फुलबर्ट


📒 पहला पाठ- उत्पति 17: 3-9

3 अब्राम ने साष्टांग प्रणाम किया और ईश्वर ने उस से यह कहा,
4 ‘’तुम्हारे लिए मेरा विधान इस प्रकार है – तुम बहुत से राष्ट्रों के पिता बन जाओगे।
5 अब से तुम्हारा नाम अब्राम नहीं, बल्कि इब्राहीम होगा, क्योंकि मैं तुम्हें बहुत-से राष्ट्रों का पिता बनाऊँगा।
6 तुम्हारे असंख्य वंशज होंगे। मैं तुम लोगों को राष्ट्रों के रूप में फलने-फूलने दूँगा। तुम्हारे वंशजों में राजा उत्पन्न होंगे।
7 मैं तुम्हारे लिए और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंशजों के लिए पीढ़ी-पर-पीढ़ी अपना चिरस्थायी विधान निर्धारित करूँगा-मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंशजों का ईश्वर होऊँगा।
8 मैं तुम्हें और तुम्हारे वंशजों को वह भूमि प्रदान करूँगा, जिस में तुम निवास करते हो, अर्थात् कनान का समस्त देश। उस पर सदा के लिए तुम लोगों का अधिकार होगा और मैं तुम्हारे वंशजों का ईश्वर होऊँगा।‘’
9 प्रभु ने इब्राहीम से यह भी कहा, ‘’तुम को और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंशजों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी मेरे विधान का पालन करना चाहिए।


📙 सुसमाचार – योहन 8: 51-59

51 मैं तुम लोगो से यह कहता हूँ – यदि कोई मेरी शिक्षा पर चलेगा, तो वह कभी नहीं मरेगा।”

52 यहूदियों ने कहा, “अब हमें पक्का विश्वास हो गया है कि तुम को अपदूत लगा है। इब्राहीम और नबी मर गये, किन्तु तुम कहते हो- ‘यदि कोई मेरी शिक्षा पर चलेगा, तो वह कभी नहीं मरेगा’।

53 क्या तुम हमारे पिता इब्राहीम से ही महान् हो? वह मर गये और नबी भी मर गये। तुम अपने को समझते क्या हो?”

54 ईसा ने उत्तर दिया,”यदि मैं अपने को महिमा देता, तो उस महिमा का कोई महत्व नहीं होता। मेरा पिता मुझे महिमान्वित करता है।

55 उसे तुम लोग अपना ईश्वर कहते हो, यद्यपि तुम उसे नहीं जानते। मैं उसे जानता हूँ। यदि मैं कहता कि उसे नहीं जानता, तो मैं तुम्हारी तरह झूठा बन जाता। किन्तु मैं उसे जानता हूँ और उसकी शिक्षा पर चलता हूँ।

56 तुम्हारे पिता इब्राहीम यह जान कर उल्लसित हुए कि वह मेरा आगमन देखेंगे और वह उसे देख कर आनन्दविभोर हुए।”

57 यहूदियों ने उन से कहा, “अब तक तुम्हारी उम्र पचास भी नहीं, तो तुमने कैसे इब्राहीम को देखा है?”

58 ईसा ने उन से कहा, “मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ – इब्राहीम के जन्म लेने के पहले से ही मैं विद्यमान हूँ”।

59 इस पर लोगों ने ईसा को मारने के लिए पत्थर उठाये, किन्तु वह चुपके से मन्दिर से निकल गये।