उन्नीसवाँ सामान्य सप्ताह
आज के संत: आज के संत: संत क्लारा
📒पहला पाठ- विधि विवरण 10: 12-22
12 मूसा ने लोगों से कहा, “इस्राएल! तुम्हारा प्रभु-ईश्वर तुम से क्या चाहता है? वह यही चाहता है कि तुम अपने प्रभु-ईश्वर पर श्रद्धा रखो, उसके सब मार्गों पर चलते रहो, उसे प्यार करो, सारे हृदय और सारी आत्मा से अपने प्रभु-ईश्वर की सेवा करो और
13 प्रभु के उन सब आदेशों तथा नियमों का पालन करो, जिन्हें मैं आज तुम्हारे कल्याण के लिए तुम्हारे सामने रख रहा हूँ।
14 आकाश, सर्वोच्च आकाश, पृथ्वी और जो कुछ उस में है – यह सब तुम्हारे प्रभु -ईश्वर का है।
15 फिर भी प्रभु ने तुम्हारे पूर्वजों को प्यार किया और उन को अपनाया है। उनके बाद उसने उनके वंशजों को, अर्थात् तुम को सभी राष्ट्रों में से अपनी प्रजा के रूप में चुन लिया, जैसे कि तुम आज हो।
16 अपने हृदयों का ख़तना करो और हठधर्मी मत बने रहो;
17 क्योंकि तुम्हारा प्रभु ईश्वर ईश्वरों का ईश्वर तथा प्रभुओं का प्रभु है। वह महान् शक्तिशाली तथा भीषण ईश्वर है। वह पक्षपात नहीं करता और घूस नहीं लेता।
18 वह अनाथ तथा विधवा को न्याय दिलाता है, वह परदेशी को प्यार करता और उसे भोजन-वस्त्र प्रदान करता है।
19 तुम परदेशी को प्यार करो, क्योंकि तुम लोग भी मिस्र में परदेशी थे।
20 तुम अपने प्रभु-ईश्वर पर श्रद्धा रखोगे, उसकी सेवा करोगे, उस से संयुक्त रहोगे और उसके नाम की शपथ लोगे।
21 तुम को उसकी स्तुति करनी चाहिए। वह तुम्हारा ईश्वर है। उसने तुम्हारी आँखों के सामने तुम्हारे लिए महान् तथा विस्मयकायी कार्य सम्पन्न किये हैं।
22 जब तुम्हारे पूर्वज मिस्र में आए, तो उनकी संख्या सत्तर ही थी और अब तुम्हारे प्रभु-ईश्वर ने तुम लोगों को आकाश के तारों की तरह असंख्य बना दिया है।
📙सुसमाचार – मत्ती 17:22-27
22 जब वे गलीलिया में साथ-साथ घूमते थे, तो ईसा ने अपने शिष्यों से कहा, “मानव पुत्र मनुष्यों के हवाले कर दिया जायेगा ।
23 वे उसे मार डालेंगे और वह तीसरे दिन जी उठेगा।” यह सुन कर शिष्यों को बहुत दु:ख हुआ।
24 जब वे कफ़रनाहूम आये थे, तो मन्दिर का कर उगाहने वालों ने पेत्रुस के पास आ कर पूछा, “क्या तुम्हारे गुरु मन्दिर का कर नहीं देते?”
25 उसने उत्तर दिया, “देते हैं”। जब पेत्रुस घर पहुँचा, तो उसके कुछ कहने से पहले ही ईसा ने पूछा, “सिमोन! तुम्हारा क्या विचार है? दुनिया के राजा किन लोगों से चुंगी या कर लेते हैं- अपने ही पुत्रों से या परायों से?”
26 पेत्रुस ने उत्तर दिया, “परायों से”। इस पर ईसा ने उस से कहा, “तब तो पुत्र कर से मुक्त हैं।
27 फिर भी हम उन लोगों को बुरा उदाहरण न दें; इसलिए तुम समुद्र के किनारे जा कर बंसी डालो। जो मछली पहले फँसेगी, उसे पकड़ लेना और उसका मुँह खोल देना। उस में तुम्हें एक सिक्का मिलेगा। उसे ले लेना और मेरे तथा अपने लिए उन को दे देना।”