तेईसवाँ सामान्य सप्ताह
आज के संत: संत निकोलस (जयप्रकाश )
📒पहला पाठ- कलोसियों 3: 1-11
1 यदि आप लोग मसीह के साथ ही जी उठे हैं- जो ईश्वर के दाहिने विराजमान हैं- तो ऊपर की चीजें खोजते रहें।
2 आप पृथ्वी पर की नहीं, ऊपर की चीजों की चिन्ता किया करें।
3 आप तो मर चुके हैं, आपका जीवन मसीह के साथ ईश्वर में छिपा हुआ है।
4 मसीह ही आपका जीवन हैं। जब मसीह प्रकट होंगे, तब आप भी उनके साथ महिमान्वित हो कर प्रकट हो जायेंगे।
5 इसलिए आप लोग अपने शरीर में इन बातों का दमन करें, जो पृथ्वी की हैं, अर्थात् व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता, विषयवासना और लोभ का, जो मूर्तिपूजा के सदृश है।
6 इन बातों के कारण ईश्वर का कोप आ पड़ता है।
7 जब आप इस प्रकार का पापमय जीवन बिताते थे, तो आप भी पहले यह सब कर चुके हैं।
8 अब तो आप लोगों को क्रोध, उत्तेजना, द्वेष, परनिन्दा और अश्लील बातचीत-यह सब एकदम छोड़ देना चाहिए।
9 कभी एक दूसरे से झूठ नहीं बोलें। आप लोगों ने अपना पुराना स्वभाव और उसके कर्मों को उतार कर
10 एक नया स्वभाव धारण किया है। वह स्वभाव अपने सृष्टिकर्ता का प्रतिरूप बन कर नवीन होता रहता और सत्य के ज्ञान की ओर आगे बढ़ता है, जहाँ पहुँच कर कोई भेद नहीं रहता,
11 जहाँ न यूनानी है या यहूदी, न ख़तना है या ख़तने का अभाव, न बर्बर है, न स्कूती, न दास और न स्वतन्त्र। वहाँ केवल मसीह हैं, जो सब कुछ और सब में हैं।
📙सुसमाचार – लूकस 6: 20-26
20 ईसा ने अपने शिष्यों की ओर देख कर कहा, “धन्य हो तुम, जो दरिद्र हो! स्वर्गराज्य तुम लोगों का है।
21 धन्य हो तुम, जो अभी भूखे हो! तुम तृप्त किये जाओगे। धन्य हो तुम, जो अभी रोते हो! तुम हँसोगे।
22 धन्य हो तुम, जब मानव पुत्र के कारण लोग तुम से बैर करेंगे, तुम्हारा बहिष्कार और अपमान करेंगे और तुम्हारा नाम घृणित समझ कर निकाल देंगे!
23 उस दिन उल्लसित हो और आनन्द मनाओ, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा। उनके पूर्वज नबियों के साथ ऐसा ही किया करते थे।
24 “धिक्कार तुम्हें, जो धनी हो! तुम अपना सुख-चैन पा चुके हो।
25 धिक्कार तुम्हें, जो अभी तृप्त हो! तुम भूखे रहोगे। धिक्कार तुम्हें, जो अभी हँसते हो! तुम शोक मनाओगे और रोओगे।
26 धिक्कार तुम्हें, जब सब लोग तुम्हारी प्रशंसा करते हैं! उनके पूर्वज झूठे नबियों के साथ ऐसा ही किया करते थे।