वर्ष का बत्तीसवाँ सामान्य सप्ताह, गुरुवार
📒 पहला पाठ : फिलेमोन 7-20
7) भाई! मुझे यह जान कर बड़ा आनन्द हुआ और सान्त्वना मिली कि आपने अपने भ्रातृ-प्रेम द्वारा विश्वासियों का हृदय हरा कर दिया है।
8) इसलिए, यद्यपि मुझे आप को अपने कर्तव्य का स्मरण दिलाने का पूरा अधिकार है,
9) फिर भी मैं भ्रातृप्रेम के नाम पर आप से प्रार्थना करना अधिक उचित समझता हूँ। मैं पौलुस, जो बूढ़ा हो चला और आजकल ईसा मसीह के कारण कै़दी भी हूँ,
10) ओनेसिमुस के लिए आप से प्रार्थना कर रहा हूँ। वह मेरा पुत्र है, क्योंकि मैं कैद में उसका आध्यात्मिक पिता बन गया हूँ।
11) आप को पहले ओनेसिमुस से कोई विशेष लाभ नहीं हुआ था। अब वह आपके लिए भी ’उपयोगी’ बन गया है और मेरे लिए भी।
12) मैं अपने कलेजे के इस टुकड़े को आपके पास वापस भेज रहा हूँ।
13) मैं जो सुसमाचार के कारण कैदी हूँ, इसे यहाँ अपने पास रखना चाहता था, जिससे यह आपके बदले मेरी सेवा करे।
14) किन्तु आपकी सहमति के बिना मैंने कुछ नहीं करना चाहा, जिससे आप यह उपकार लाचारी से नहीं, बल्कि स्वेच्छा से करें।
15) ओनेसिमुस शायद इसलिए कुछ समय तक आप से ले लिया गया था कि वह आप को सदा के लिए प्राप्त हो,
16) अब दास के रूप में नहीं, बल्कि दास से कहीं, बढ़ कर-अतिप्रिय भाई के रूप में। यह मुझे अत्यन्त प्रिय है और आप को कहीं अधिक -मनुष्य के नाते भी और प्रभु के शिष्य के नाते भी।
17) इसलिए यदि आप मुझे धर्म-भाई समझते हैं, तो इसे उसी तरह अपनायें, जिस तरह मुझे।
18) यदि आप को इस से कोई हानि हुई है या इस पर आपका कुछ कर्ज़ है, तो मेरे खर्चें में लिखें।
19) मैं, पौलुस, अपने हाथ से लिख रहा हूँ-मैं उसे चुका दूँगा। क्या मैं आप को इसका स्मरण दिलाऊँ कि आप पर भी मेरा कुछ कजऱ् है- आप तो मेरे ही हैं।
20) भाई! प्रभु के नाम पर मुझे आप से कुछ लाभ हो। आप मसीह के कारण मेरा हृदय हरा कर दें।
📙 सुसमाचार : लूकस 17:20-25
20) जब फ़रीसियों ने उन से पूछा कि ईश्वर का राज्य कब आयेगा, तो ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, “ईश्वर का राज्य प्रकट रूप से नहीं आता।
21) लोग नहीं कह सकेंगे, ‘देखो-वह यहाँ है’ अथवा, ‘देखो-वह वहाँ है’; क्योंकि ईश्वर का राज्य तुम्हारे ही बीच है।”
22) ईसा ने अपने शिष्यों से कहा, “ऐसा समय आयेगा, जब तुम मानव पुत्र का एक दिन भी देखना चाहोगे, किन्तु उसे नहीं देख पाओगे।
23) लोग तुम से कहेंगे, ’देखो-वह यहाँ है’, अथवा, ‘देखो-वह वहाँ है’, तो तुम उधर नहीं जाओगे, उनके पीछे नहीं दौड़ोगे;
24) क्योंकि जैसे बिजली आकाश के एक छोर से निकल कर दूसरे छोर तक चमकती है, वैसे ही मानव पुत्र अपने दिन प्रकट होगा।
25) परन्तु पहले उसे बहुत दुःख सहना और इस पीढ़ी द्वारा ठुकराया जाना है।