चौदहवाँ सामान्य सप्ताह
आज के संत: संत बेनेदिक्त
📙पहला पाठ- उत्पत्ति 46: 1-7, 28-30
1 इस्राएल ने अपनी समस्त सम्पत्ति के साथ प्रस्थान किया और बएर-शेबा पहुँच कर अपने पिता इसहाक के ईश्वर को बलि चढ़ायी।
2 ईश्वर ने रात को एक दिव्य दर्शन में इस्राएल से कहा, ”याकूब! याकूब!” और उसने उत्तर दिया, ”मैं प्रस्तुत हूँ।”
3 तब ईश्वर ने कहा, ”मैं ईश्वर, तुम्हारे पिता का ईश्वर हूँ। मिस्र देश जाने से मत डरो, क्योंकि मैं वहाँ तुम्हारे द्वारा एक महान् राष्ट्र उत्पन्न करूँगा।
4 मैं स्वयं तुम्हारे साथ मिस्र देश जाऊँगा और तुम को फिर वहाँ से निकाल लाऊँगा। यूसुफ़ तुम्हारे मरने पर तुम्हारी आँखें बन्द कर देगा।”
5 याकूब बएर-शेबा से चला गया।इस्राएल के पुत्रों ने अपने पिता याकूब, अपने छोटे बच्चों और अपनी पत्नियों को उन रथों पर चढ़ाया, जिन्हें फिराउन ने उन्हें ले आने के लिए भेजा था।
6 वे अपना पशुधन और जो कुछ उन्होंने कनान में
एकत्र किया था, वह सब अपने साथ ले गये। याकूब अपने सब वंशजों के साथ मिस्र देश पहुँचा।
7 वह अपने पुत्रों और पौत्रों, अपनी पुत्रियों और अपनी पौत्रियों, अपने सब वंशजों को मिस्र ले आया।
8 जो इस्राएली, अर्थात्, याकूब और उसके वंशज मिस्र आये, उनके नाम इस प्रकार हैं: याकूब का पहलौठा रूबेन।
28 याकूब ने यूदा को अपने आगे भेज कर यूसुफ़ से निवेदन किया कि वह गोशेन में उस से मिलने आये।
29 जब वे गोशेन पहुँचे, तो यूसुफ़ आपना रथ मँगा कर अपने पिता इस्राएल से मिलने के लिए गोशेन गया। अपने पिता से मिल कर उसने उसे गले लगा लिया और उस से लिपट कर वह देर तक रोता रहा।
30 इस्राएल ने यूसुफ़ से कहा, ”अब
तो मैं सुखपूर्वक मृत्यु की प्रतीक्षा करूँगा, क्योंकि मैं फिर तुम्हारे दर्शन कर सका और जान गया हूँ कि तुम जीवित हो।”
📒सुसमाचार- मत्ती 10: 16-23
16 “देखो, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच भेड़ों की तरह भेजता हूँ। इसलिए साँप की तरह चतुर और कपोत की तरह निष्कपट बनो।
17 “मनुष्यों से सावधान रहो। वे तुम्हें अदालतों के हवाले कर देंगे और अपने सभागृहों में तुम्हें कोड़े लगायेंगे।
18 तुम मेरे कारण शासकों और राजाओं के सामने पेश किये जाओगे, जिससे मेरे विषय में तुम उन्हें और ग़ैर-यहूदियों को साक्ष्य दे सको।
19 “जब वे तुम्हें अदालत के हवाले कर रहे हों, तो यह चिन्ता नहीं करोगे कि हम कैसे बोलेंगे और क्या कहेंगे। समय आने पर तुम्हें बोलने का शब्द दिये जायेंगे,
20 क्योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो, बल्कि पिता का आत्मा है, जो तुम्हारे द्वारा बोलता है।
21 भाई अपने भाई को मृत्यु के हवाले कर देगा और पिता अपने पुत्र को। सन्तान अपने माता-पिता के विरुद्ध उठ खड़ी होगी और उन्हें मरवा डालेगी।
22 मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे, किन्तु जो अन्त तक धीर बना रहेगा, उसे मुक्ति मिलेगी।
23 “यदि वे तुम्हें एक नगर से निकाल देते हैं, तो दूसरे नगर भाग जाओ। मैं तुम से यह कहता हूँ- तुम इस्राएल के नगरों का चक्कर पूरा भी नहीं कर पाओगे कि मानव पुत्र आ जायेगा।