तेईसवाँ सामान्य सप्ताह
आज की संत: मरियम का पवित्र नाम


📒पहला पाठ- 1 तिमथी 1: 1-2, 12-14

1 विश्वास में सच्चे पुत्र तिमथी के नाम पौलुस का पत्र, जो हमारे मुक्तिदाता ईश्वर और हमारी आशा ईसा मसीह के आदेशानुसार ईसा मसीह का प्रेरित है।

2 पिता-परमेश्वर और हमारे प्रभु ईसा मसीह तुम्हें अनुग्रह, दया और शान्ति प्रदान करें!

12 मैं हमारे प्रभु ईसा मसीह को धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने मुझे बल दिया और मुझे विश्वास के योग्य समझ कर अपनी सेवा में नियुक्त किया है।

13 मैं पहले ईश-निन्दक, अत्याचारी और अन्यायी था; किन्तु मुझ पर दया की गयी है, क्योंकि अविश्वास के कारण मैं यह नहीं जानता था कि मैं क्या कर रहा हूँ।

14 मुझे हमारे प्रभु का अनुग्रह प्रचुर मात्रा में प्राप्त हुआ और साथ ही वह विश्वास और प्रेम भी, जो हमें ईसा मसीह द्वारा मिलता है।


📙सुसमाचार- लूकस 6: 39-42

39 ईसा ने उन्हें एक दृष्टान्त सुनाया, “क्या अन्धा अन्धे को राह दिखा सकता है? क्या दोनों ही गड्ढे में नहीं गिर पडेंगे?

40 शिष्य गुरू से बड़ा नहीं होता। पूरी-पूरी शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह अपने गुरू-जैसा बन सकता है।

41 “जब तुम्हें अपनी ही आँख की धरन का पता नहीं, तो तुम अपने भाई की आँख का तिनका क्यों देखते हो?

42 जब तुम अपनी ही आँख की धरन नहीं देखते हो, तो अपने भाई से कैसे कह सकते हो, ’भाई! मैं तुम्हारी आँख का तिनका निकाल दूँ?’ ढोंगी! पहले अपनी ही आँख की धरन निकालो। तभी तुम अपने भाई की आँख का तिनका निकालने के लिए अच्छी तरह देख सकोगे।