अट्ठाईसवाँ सामान्य सप्ताह
आज के संत: संत एडवर्ड (जयपाल)
📒पहला पाठ- रोमियों 1: 1-7
1 यह पत्र ईसा मसीह के सेवक पौलुस की ओर से है, जो ईश्वर द्वारा प्रेरित चुना गया और उसके सुसमाचार के प्रचार के लिए नियुक्त किया गया है।
2 जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, ईश्वर ने बहुत पहले अपने नबियों द्वारा इस सुसमाचार की प्रतिज्ञा की थी।
3 यह सुसमाचार ईश्वर के पुत्र, हमारे प्रभु ईसा मसीह के विषय में है।
4 वह मनुष्य के रूप में दाऊद के वंश में उत्पन्न हुए और मृतकों में से जी उठने के कारण पवित्र आत्मा द्वारा सामर्थ्य के साथ ईश्वर के पुत्र प्रमाणित हुए।
5 उन से मुझे प्रेरित बनने का वरदान मिला है, जिससे मैं उनके नाम पर ग़ैर-यहूदियों में प्रचार करूँ और वे लोग विश्वास की अधीनता स्वीकार करें।
6 उन में आप लोग भी हैं, जो ईसा मसीह के समुदाय के लिए चुने गये हैं।
7 मैं उन सबों के नाम यह पत्र लिख रहा हूँ, जो रोम में ईश्वर के कृपापात्र और उसकी प्रजा के सदस्य हैं। हमारा पिता ईश्वर और प्रभु मसीह आप लोगों को अनुग्रह तथा शान्ति प्रदान करें!
📙सुसमाचार- लूकस 11: 29-32
29 भीड़-की-भीड़ उनके चारों ओर उमड़ रही थी और वे कहने लगे, “यह एक विधर्मी पीढ़ी है। यह एक चिह्न माँगती है, परन्तु नबी योनस के चिह्न को छोड़ इसे और कोई चिह्न नहीं दिया जायेगा।
30 जिस प्रकार योनस निनिवे-निवासियों के लिए एक चिह्न बन गया था, उसी प्रकार मानव पुत्र भी इस पीढ़ी के लिए एक चिह्न बन जायेगा।
31 न्याय के दिन दक्षिण की रानी इस पीढ़ी के लोगों के साथ जी उठेगी और इन्हें दोषी ठहरायेगी, क्योंकि वह सुलेमान की प्रज्ञा सुनने के लिए पृथ्वी के सीमान्तों से आयी थी, और देखो-यहाँ वह है, जो सुलेमान से भी महान् है!
32 न्याय के दिन निनिवे के लोग इस पीढ़ी के साथ जी उठेंगे और इसे दोषी ठहरायेंगे, क्योंकि उन्होंने योनस का उपदेश सुन कर पश्चात्ताप किया था, और देखो-यहाँ वह है, जो योनस से भी महान् है!