पन्द्रहवाँ सामान्य सप्ताह
आज के संत: संत बोनावेंतुरा
📙पहला पाठ- निर्गमन 2: 1-15
1 लेवी वंश के एक व्यक्ति ने एक लेवीवंशी कन्या से विवाह किया।
2 उसकी पत्नी गर्भवती हुई और उसको एक पुत्र उत्पन्न हुआ। माता ने यह देख कर कि बच्चा सुन्दर है, उसे तीन महीनों तक छिपाये रखा।
3 जब वह उसे और अधिक समय तक छिपा कर नहीं रख सकी, तो उसने बेंत की एक टोकरी ले ली और उस पर चिकनी मिट्टी और डामर का लेप लगाया। उसने उस में बालक को रख कर उसे नील नदी के तट के सरकण्डों के बीच छोड़ दिया।
4 बालक की बहन कुछ दूरी पर यह देखने के लिए खड़ी रहा करती कि उस पर क्या बीतेगी।
5 फिराउन की पुत्री नील नदी में किनारे स्नान करने आयी। इस बीच उसकी सखियाँ नदी के किनारे घूमती रहीं। उसने सरकण्डों के बीच उस टोकरी को देखा और अपनी दासी को उसे ले आने को भेजा।
6 उसने उसे खोल कर देखा कि उस में एक रोता हुआ बालक पड़ा है। उसे तरस आया और उसने कहा, “यह इब्रानियों का कोई बालक होगा।”
7 बालक की बहन ने फिराउन की पुत्री के पास आ कर पूछा, “क्या मैं इब्रानी स्त्रियों में से किसी दाई को बुला लाऊँ, जो आपके लिए इस बालक को दूध पिलाया करे?”
8 फिराउन की पुत्री ने उत्तर दिया, “हाँ, यही करो।” लड़की बालक की माता को बुला लायी।
9 फिराउन की पुत्री ने उस से कहा, “इस बालक को ले जा कर मेरे लिए दूध पिलाओ। मैं तुम को वेतन दिया करूँगी।” वह स्त्री बालक को ले गयी और उसने उसे दूध पिलाया।
10 जब बालक बड़ा हो गया, तो वह उसे फिराउन की पुत्री के पास ले गयी। इसने उसे गोद लिया और यह कहते हुए उसका नाम ‘मूसा’ रखा कि ”मैंने इसे पानी में से निकाला।”
11 जब मूसा सयाना हो गया, तो वह किसी दिन अपने जाति-भाइयों से मिलने निकला। उसने उन्हें बेगार करते देखा और यह भी देखा कि एक मिस्री उसके एक इब्रानी भाई को पीट रहा है।
12 मूसा ने इधर-उधर दृष्टि दौड़ायी और जब उसे पता चला कि वहाँ कोई दूसरा व्यक्ति नहीं हैं, तो उसने मिस्री को मार कर बालू में छिपा दिया।
13 वह दूसरे दिन फिर निकला और उसने दो इब्रानियों को लड़ते देखा। उसने अन्याय करने वाले से कहा, ”तुम अपने भाई को क्यों पीटते हो?”
14 उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, ”किसने तुम को हमारा शासक और न्यायकर्ता नियुक्त किया है? क्या तुम मुझ को भी मार डालना चाहते हो, जैसे कि तुमने उस मिस्री को मारा?” मूसा यह सोच कर डर गया कि यह बात फैल गयी है।
15 फिराउन को भी इसका पता चला और उसने मूसा को मार डालना चाहा। मूसा फिराउन के अधिकारक्षेत्र से भाग निकला और मिदयान देश में बसने गया और वहाँ एक कुएँ के पास बैठ कर विश्राम करने लगा।
📒सुसमाचार- मत्ती 11: 20-24
20 तब ईसा उन नगरों को धिक्कारने लगे, जिन्होंने उनके अधिकांश चमत्कार देख कर भी पश्चात्ताप नहीं किया था,
21 “धिक्कार तुझे, खोराज़िन! धिक्कार तुझे, बेथसाइदा! जो चमत्कार तुम में किये गये हैं, यदि वे तीरूस और सिदोन में किये गये होते, तो उन्होंने न जाने कब से टाट ओढ़ कर और भस्म रमा कर पश्चात्ताप किया होता।
22 इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, न्याय के दिन तेरी दशा की अपेक्षा तीरुस और सिदोन की दशा कहीं अधिक सहनीय होगी।
23 “और तू, कफ़रनाहूम! क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा उठाया जायेगा ? नहीं ! तू अधोलोक तक नीचे गिरा दिया जायेगा; क्योंकि जो चमत्कार तुझ में किये गये हैं, यदि वे सोदोम में किये गये होते, तो वह आज तक बना रहता।
24 इसलिए मैं तुझ से कहता हूँ, न्याय के दिन तेरी दशा की अपेक्षा सोदोम की दशा कहीं अधिक सहनीय होगी।“