पवित्र त्रित्व का पर्व
आज के संत : संत जेरमेन
📒 पहला पाठ- सुक्ति 8: 22-31
22 “आदि में, प्रभु ने अन्य कार्यो से पहले मेरी सृष्टि की है।
23 प्रारम्भ में, पृथ्वी की उत्पत्ति से पहले, अनन्त काल पूर्व ही मेरी सृष्टि हुई है।
24 जिस समय मेरा जन्म हुआ था, न तो महासागर था और न उमड़ते जलस्रोत थे।
25 मैं पर्वतों की स्थापना से पहले, पहाड़ियों से पहले उत्पन्न हुई थी।
26 जब उसने पृथ्वी, समतल भूमि तथा संसार के मूल-तत्व बनाये, तो मेरा जन्म हो चुका था।
27 “जब उसने आकाशमण्डल का निर्माण किया और महासागर के चारों ओर वृत्त खींचा, तो मैं विद्यमान थी।
28 जब उसने बादलों का स्थान निर्धारित किया और समुद्र के स्रोत उमड़ने लगे,
29 जब उसने समुद्र की सीमा निश्चित की, जिससे जल तट का अतिक्रमण न करे- जब उसने पृथ्वी की नींव डाली,
30 उस समय मैं कुशल शिल्पकार की तरह उसके साथ थी। मैं नित्यप्रति उसका मनोरंजन करती और उसके सम्मुख क्रीड़ा करती रही।
31 मैं पृथ्वी पर सर्वत्र क्रीड़ा करती और मनुष्यों के साथ मनोरंजन करती रही”
📙 दूसरा पाठ- रोमियों 5: 1-5
1 ईश्वर ने हमारे विश्वास के कारण हमें धार्मिक माना है। हम अपने प्रभु ईसा मसीह द्वारा ईश्वर से मेल बनाये रखें।
2 मसीह ने हमारे लिए उस अनुग्रह का द्वार खोला है, जो हमें प्राप्त हो गया है। हम इस बात पर गौरव करें कि हमें ईश्वर की महिमा के भागी बनने की आशा है।
3 इतना ही नहीं, हम दुःख-तकलीफ पर भी गौरव करें, क्योंकि हम जानते हैं कि दुःख-तकलीफ से धैर्य,
4 धैर्य से दृढ़ता, और दृढ़ता से आशा उत्पन्न होती है।
5 आशा व्यर्थ नहीं होती, क्योंकि ईश्वर ने हमें पवित्र आत्मा प्रदान किया है और उसके द्वारा ही ईश्वर का प्रेम हमारे हृदयों में उमड़ पड़ा है।
📘 सुसमाचार – योहन 16: 12-15
12 मुझे तुम लोगों से और बहुत कुछ कहना है परन्तु अभी तुम वह नहीं सह सकते।
13 जब वह सत्य का आत्मा आयेगा, तो वह तुम्हें पूर्ण सत्य तक ले जायेगा; क्योंकि वह अपनी ओर से नहीं कहेगा, बल्कि वह जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा और तुम्हें आने वाली बातों के विषय में बतायेगा।
14 वह मुझे महिमान्वित करेगा, क्योंकि उसे मेरी ओर से जो मिला है, वह तुम्हें वही बतायेगा।
15 जो कुछ पिता का है, वह मेरा है। इसलिये मैंने कहा कि उसे मेरी ओर से जो मिला है, वह तुम्हें वही बतायेगा।