चौबीसवाँ सामान्य सप्ताह संत

आज के संत: कारनेलियुस और संत सिप्रियन


📒पहला पाठ- 1 तिमथी 3: 1-13

1 यह कथन सुनिश्चित है कि यदि कोई अध्यक्ष बनना चाहता है, तो वह एक अच्छी बात की कामना करता है।

2 अध्यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्द्य, एकपत्नीव्रत, संयमी, समझदार, भद्र, अतिथि-प्रेमी और कुशल शिक्षक हो।

3 वह मद्यसेवी या क्रोधी नहीं, बल्कि सहनशील हो। वह झगड़ालू या लोभी न हो।

4 वह अपने घर का अच्छा प्रबन्ध करे और गम्भीरतापूर्वक अपने बच्चों को अनुशासन में रखें।

5 यदि कोई अपने घर का प्रबन्ध नहीं कर सकता, तो वह ईश्वर की कलीसिया की देखभाल कैसे करेगा?

6 वह नवदीक्षित नहीं हो, जिससे वह घमण्डी न बने और इस प्रकार शैतान का दण्ड उस पर न आ पड़े।

7 यह भी आवश्यक है कि वह गैर-ईसाइयों में नेकनाम हो। कहीं ऐसा न हो कि वह चर्चा का विषय बने और शैतान के फन्दे में पड़ जाये।

8 इसी तरह धर्मसेवक गम्भीर तथा निष्कपट हों। वे न तो मद्यसेवी हों और न लोभी।

9 वे निर्मल अन्तःकरण से विश्वास के प्रति ईमानदार रहें।

10 पहले उनकी भी परीक्षा ली जाये और अनिन्द्य प्रमाणित हो जाने के बाद ही वे धर्मसेवकों का कार्य करें।

11 उनकी पत्नियाँ चुगलखोर नहीं, बल्कि गम्भीर, संयमी और सब बातों में विश्वसनीय हों।

12 धर्मसेवक एकपत्नीव्रत हों और अपने बच्चों और घर का अच्छा प्रबन्ध करने वाले हों।

13 जो धर्मसेवक अपना सेवाकार्य अच्छी तरह पूरा करते हैं, वे प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं और ईसा मसीह के विश्वास के विषय में प्रकट रूप से बोलने के अधिकारी हैं।


📙सुसमाचार – लूकस 7: 11-17

11 इसके बाद ईसा नाईन नगर गये। उनके साथ उनके शिष्य और एक विशाल जनसमूह भी चल रहा था।

12 जब वे नगर के फाटक के निकट पहुँचे, तो लोग एक मुर्दे को बाहर ले जा रहे थे। वह अपनी माँ का इकलौता बेटा था और वह विधवा थी। नगर के बहुत-से लोग उसके साथ थे।

13 माँ को देख कर प्रभु को उस पर तरस हो आया और उन्होंने उस से कहा, “मत रोओ”,

14 और पास आ कर उन्होंने अरथी का स्पर्श किया। इस पर ढोने वाले रुक गये। ईसा ने कहा, “युवक! मैं तुम से कहता हूँ, उठो”।

15 मुर्दा उठ बैठा और बोलने लगा। ईसा ने उसको उसकी माँ को सौंप दिया।

16 सब लोग विस्मित हो गये और यह कहते हुए ईश्वर की महिमा करते रहे, “हमारे बीच महान् नबी उत्पन्न हुए हैं और ईश्वर ने अपनी प्रजा की सुध ली है”।

17 ईसा के विषय में यह बात सारी यहूदिया और आसपास के समस्त प्रदेश में फैल गयी।