रखवाल दूतों का पर्व


📒पहला पाठ- निर्गमन 23: 20-23

20 “मैं एक दूत को तुम्हारे आगे-आगे भेजता हूँ। वह रास्तें में तुम्हारी रक्षा करेगा और तुम्हें उस स्थान ले जायेगा, जिसे मैंने निश्चित किया है।
21 उसका सम्मान करो और उसकी बातें सुनो। उसके विरुद्ध विद्रोह मत करो। वह तुम्हारा अपराध नहीं क्षमा करेगा, क्योंकि उसे मेरी ओर से अधिकार मिला है।
22 यदि तुम उसकी बातें मानोगे और मैं जो कुछ कहूँगा, वह सब पूरा करोगे, तो मैं तुम्हारे शत्रुओं का शत्रु और तुम्हारे विरोधियों का विरोधी बनूँगा।
23 मेरा दूत तुम्हारे आगे-आगे चलेगा और तुम्हें अमोरियों, हित्तियों, परिज्जियों, कनानियों, हिव्वियों, तथा यबूसियों के देश पहुँचा देगा और मैं उनका सर्वनाश करूँगा।


📙सुसमाचार – मत्ती 18:1-5, 10

1 उस समय शिष्य ईसा के पास आ कर बोले, “स्वर्ग के राज्य में सब से बड़ा कौन है?”

2 ईसा ने एक बालक को बुलाया और उसे उनके बीच खड़ा कर

3 कहा, “मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ- यदि तुम फिर छोटे बालकों-जैसे नहीं बन जाओगे, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं करोगे।

4 इसलिए जो अपने को इस बालक-जैसा छोटा समझता है, वह स्वर्ग के राज्य में सब से बड़ा है

5 और जो मेरे नाम पर ऐसे बालक का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है।

10 “सावधान रहो, उन नन्हों में एक को भी तुच्छ न समझो। मैं तुम से कहता हूँ- उनके दूत स्वर्ग में निरन्तर मेरे स्वर्गिक पिता के दर्शन करते हैं।