पास्का का पाँचवाँ सप्ताह

आज के संत: संत खीस्तोफर मागेलानेस और साथी

📒 पहला पाठ- प्रेरित चरित 15: 1-6

1 कुछ लोग यहूदिया से अन्ताखि़या आये और भाइयों को यह शिक्षा देते रहे कि यदि मूसा से चली आयी हुई प्रथा के अनुसार आप लोगों का ख़तना नहीं होगा, तो आप को मुक्ति नहीं मिलेगी।

2 इस विषय पर पौलुस और बरनाबस तथा उन लोगों के बीच तीव्र मतभेद और वाद-विवाद छिड़ गया, और यह निश्चय किया गया कि पौलुस तथा बरनाबस अन्ताखि़या के कुछ लोगों के साथ येरूसालेम जायेंगे और इस समस्या पर प्रेरितों तथा अध्यक्षों से परामर्श करेंगे।

3 अन्ताखि़या की कलीसिया ने उन्हें विदा किया। वे फ़ेनिसिया तथा समरिया हो कर यात्रा करते हुए वहाँ के सब भाइयों को ग़ैर-यहूदियों के धर्म-परिवर्तन के विषय में बता कर बड़ा आनन्द प्रदान करते थे।

4 जब वे येरूसालेम पहुँचे, तो कलीसिया, प्रेरितों तथा अध्यक्षों ने उनका स्वागत किया और उन्होंने बताया कि ईश्वर ने उनके द्वारा क्या-क्या कर दिखाया है।

5 फ़रीसी सम्प्रदाय के कुछ सदस्य, जो विश्वासी हो गये थे, यह कहते हुए उठ खड़े हुए कि ऐसे लोगों का ख़तना करना चाहिए और उन्हें आदेश देना चाहिए कि वे मूसा-संहिता का पालन करें।

6 प्रेरित और अध्यक्ष इस समस्या पर विचार करने के लिए एकत्र हुए।

📙 सुसमाचार- योहन 15: 1-8

1 मैं सच्ची दाखलता हूँ और मेरा पिता बागवान है।

2 वह उस डाली को, जो मुझ में नहीं फलती, काट देता है और उस डाली को जो फलती है, छाँटता है। जिससे वह और भी अधिक फल उत्पन्न करें।

3 मैंने तुम लोगो को जो शिक्षा दी है, उसके कारण तुम शुद्ध हो गये हो।

4 तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जिस तरह दाखलता में रहे बिना डाली स्वयं नहीं फल सकती, उसी तरह मुझ में रहे बिना तुम भी नहीं फल सकते।

5 मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं जिसमें रहता हूँ वही फलता है क्योंकि मुझ से अलग रहकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।

6 यदि कोई मुझ में नहीं रहता तो वह सूखी डाली की तरह फेंक दिया जाता है। लोग ऐसी डालियाँ बटोर लेते हैं और आग में झोंक कर जला देते हैं।

7 यदि तुम मुझ में रहो और तुम में मेरी शिक्षा बनी रहती है तो चाहे जो माँगो, वह तुम्हें दिया जायेगा।

8 मेरे पिता की महिमा इस से प्रकट होगी कि तुम लोग बहुत फल उत्पन्न करो और मेरे शिष्य बने रहो।