आगमन का पहला इतवार
पहला पाठ : इसायाह 2:1-5
1) येरूसालेम तथा यूदा के विषय में आमोस के पुत्र इसायाह का देखा हुआ दिव्य दृश्य।
2) अन्तिम दिनों में – ईश्वर के मन्दिर का पर्वत पहाड़ों से ऊपर उठेगा और पहाड़ियों से ऊँचा होगा। सभी राष्ट्र वहाँ इकट्ठे होंगे;
3) असंख्य लोग यह कहते हुए वहाँ जायेंगे, “आओ! हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें, याकूब के ईश्वर के मन्दिर चलें, जिससे वह हमें अपने मार्ग दिखाये और हम उसके पथ पर चलते रहें“; क्योंकि सियोन से सन्मार्ग की शिक्षा प्रकट होगी और येरूसालेम से प्रभु की वाणी।
4) वह राष्ट्रों के बीच न्याय करेगा और देशों के आपसी झगड़े मिटायेगा। वे अपनी तलवार को पीट-पीट कर फाल और अपने भाले को हँसिया बनायेंगे। राष्ट्र एक दूसरे पर तलवार नहीं चालायेंगे और युद्ध-विद्या की शिक्षा समाप्त हो जायेगी।
5) याकूब के वंश! आओ, हम प्रभु की ज्योति में चलते रहें।
दूसरा पाठ : रोमियों 13:11-14
11) आप लोग जानते हैं कि नींद से जागने की घड़ी आ गयी है। जिस समय हमने विश्वास किया था, उस समय की अपेक्षा अब हमारी मुक्ति अधिक निकट है।
12) रात प्रायः बीत चुकी है, दिन निकलने को है, इसलिए हम, अन्धकार के कर्मों को त्याग कर, ज्योति के शस्त्र धारण कर लें।
13) हम दिन के योग्य सदाचरण करें। हम रंगरलियों और नशेबाजी, व्यभिचार और भोगविलास, झगड़े और ईर्ष्या से दूर रहें।
14) आप लोग प्रभु ईसा मसीह को धारण करें और शरीर की वासनाएं तृप्त करने का विचार छोड़ दें।
सुसमाचार : मत्ती 24:37-44
37) “जो नूह के दिनों में हुआ था, वही मानव पुत्र के आगमन के समय होगा।
38) जलप्रलय के पहले, नूह के जहाज़ पर चढ़ने के दिन तक, लोग खाते-पीते और शादी-ब्याह करते रहे।
39) जब तक जलप्रलय नहीं आया और उसने सबको बहा नहीं दिया, तब तक किसी को इसका कुछ भी पता नहीं था। मानव पुत्र के आगमन के समय वैसा ही होगा।
40) उस समय दो पुरुष खेत में होंगे- एक उठा लिया जायेगा और दूसरा छोड़ दिया जायेगा।
41) दो स्त्रियाँ चक्की पीसती होंगी- एक उठा ली जायेगी और दूसरी छोड़ दी जायेगी।
42) “इसलिए जागते रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारे प्रभु किस दिन आयेंगे।
43) यह अच्छी तरह समझ लो- यदि घर के स्वामी को मालूम होता कि चोर रात के किस पहर आयेगा, तो वह जागता रहता और अपने घर में सेंध लगने नहीं देता।
44) इसलिए तुम लोग भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी तुम उसके आने की नहीं सोचते, उसी घड़ी मानव पुत्र आयेगा।