सत्तरहवाँ सामान्य सप्ताह
आज के संत: संत अल्फोंसा मुत्ताथुपाथु


📙पहला पाठ- निर्गमन 32: 15-24, 30-34

15 यदि तुम उसकी ओर से मुँह मोड़ोगे, तो वह निश्चय ही इस प्रजा को उजाड़खण्ड में भटकने रहने देगा और तुम इन सब लोगों के विनाश के कारण बनोगे।‘’

16 इस पर वे उसके और पास जा कर कहने लगे, ‘’हम यहाँ अपने पशुओं के लिए बाड़े और अपने बाल-बच्चों के लिए नगर बनायेंगे।

17 जब तक हम इस्राएलियों को उनके स्थानों तक नहीं पहुँचा देंगे, तब तक हम शस्त्रसज्जित हो कर उनके आगे-आगे चलते रहेंगे। इस बीच हमारे बाल-बच्चे देशवासियों से बचे रह कर क़िलेबन्द नगरों में निवास करते रहेंगे।

18 जब तक इस्राएली अपने-अपने दायभाग प्राप्त नहीं कर लेंगे, तब तक हम अपने घर नहीं लौटेगें।

19 हम यर्दन के उस पार की भूमि में कोई दायभाग नहीं चाहते, क्योंकि हमारे दायभाग की ज़मीन हमें यर्दन के इस पार, पूर्वी भाग में प्राप्त हो चुकी है।‘’

20-22 इस पर मूसा ने उन्हें उत्तर दिया, ‘’यदि तुम ऐसा करोगे, यदि तुम शस्त्रसज्जित हो कर युद्ध करने जाओगे  और जब तक प्रभु अपने शत्रुओं को नहीं भगा देगा और देश अपने अधिकार में नहीं करेगा, तब तक नहीं लौटोगे, तो तुम प्रभु और इस्राएलियों के लिए अपने कर्तव्य से मुक्त हो कर वापस जाओगे और यह देश प्रभु की दृष्टि में तुम्हारा दायभाग होगा।

23 किन्तु यदि तुम ऐसा नहीं करोगे, तो तुम प्रभु की दृष्टि में निश्चय ही अपराधी ठहरोगे और तुम को अपने पाप का दण्ड भुगतना पड़ेगा।

24 तुम अपने बाल-बच्चों के लिए नगर बसाओ, और अपने गल्लों के लिए बाड़े बनाओ, किन्तु अपनी प्रतिज्ञा पूरी करो।“

30 परन्तु यदि वे शस्त्रसज्जित हो कर तुम्हारे साथ उस पार नहीं जायेंगे, तो उन्हें तुम्हारी ही तरह कनान देश में दायभाग प्राप्त होगा।‘’

31 गाद और रूबेन के वंशजों ने उत्तर दिया, ‘’प्रभु ने आपके इन सेवकों को जैसी आज्ञा दी है, हम वैसा ही करेंगे।

32 हम प्रभु के सामने शस्त्रसज्जित हो कर कनान देश जायेंगे, किन्तु यर्दन के इस पार की भूमि ही दायभाग के रूप में हमारी होगी।‘’

33 तब मूसा ने गाद और रूबेन के वंशजों और यूसुफ़ के पुत्र मनस्से के आधे कुल को अमोरियों के राजा सीहोन का राज्य और बाशान के राजा ओग का राज्य – नगरों और उनके आसपास की भूमि के साथ – दे दिया।

34-36 गाद के वंशजों ने दीबोन, अटोरोत, अरोएर, अट्रोत-शोफ़ान, यज़ेर, योगबहा, बेतनिम्रा और बेत-हारान नामक क़िलाबन्द नगरों का पुनर्निर्माण किया तथा गल्लों के लिए बाड़े बनाये।


📒सुसमाचार- मत्ती 13: 31-35

31 ईसा ने उनके सामने एक और दृष्टान्त प्रस्तुत किया, “स्वर्ग का राज्य राई के दाने के सदृश है, जिसे ले कर किसी मनुष्य ने अपने खेत में बोया।

32 वह तो सब बीजों से छोटा है, परन्तु बढ़ कर सब पौधों से बड़ा हो जाता है और ऐसा पेड़ बनता है कि आकाश के पंछी आ कर उसकी डालियों में बसेरा करते हैं।”

33 ईसा ने उन्हें एक और दृष्टान्त सुनाया, “स्वर्ग का राज्य उस ख़मीर के सदृश है, जिसे ले कर किसी स्त्री ने तीन पंसेरी आटे में मिलाया और सारा आटा खमीर हो गया”।

34 ईसा दृष्टान्तों में ही ये सब बातें लोगों को समझाते थे। वह बिना दृष्टान्त के उन से कुछ नहीं कहते थे,

35 जिससे नबी का यह कथन पूरा हो जाये- मैं दृष्टान्तों में बोलूँगा। पृथ्वी के आरम्भ से जो गुप्त रहा, उसे मैं प्रकट करूँगा।