पास्का का तीसरा सप्ताह
आज के संत : संत अंजेला
📒पहला पाठ- प्रेरित चरित 6: 8-15
8 स्तेफनुस अनुग्रह तथा सामर्थ्य से परिपूर्ण हो कर जनता के सामने बहुत-से चमत्मकार तथा चिह्न दिखाता था।
9 उस समय “दास्यमुक्त” नामक सभागृह के कुछ सदस्य और कुरेने, सिकन्दरिया, किलिकया तथा एशिया के कुछ लोग स्तेफनुस से विवाद करने आये।
10 किन्तु वे स्तेफ़नुस के ज्ञान का सामना करने में असमर्थ थे, क्योंकि वह आत्मा से प्रेरित हो कर बोलता था।
11 तब उन्होंने घूस दे कर कुछ व्यक्तियों से यह झूठी गवाही दिलवायी कि हमने स्तेफनुस को मूसा तथा ईश्वर की निन्दा करते सुना।
12 इस प्रकार जनता, नेताओं तथा शास्त्रियों को भड़काने के बाद वे अचानक स्तेफनुस के पास आ धमके और उसे पकड़ कर महासभा के सामने ले गये।
13 वहाँ उन्होंने झूठे गवाहों को खड़ा किया, जो बोले, “यह व्यक्ति निरन्तर मन्दिर तथा मूसा की निन्दा करता है।
14 हमने इसे यह कहते सुना कि ईसा नाज़री यह स्थान नष्ट करेगा और मूसा के समय से चले आ रहे हमारे रिवाजों को बदल देगा।”
15 महासभा के सब सदस्य स्थिर दृष्टि से स्तेफ़नुस की ओर देख रहे थे। उसका मुखमण्डल उन्हें स्वर्गदूत के जैसा दीख पड़ा।
📙सुसमाचार – योहन 6:22-29
22 क्योंकि पिता किसी का न्याय नहीं करता। उसने न्याय करने का पूरा अधिकार पुत्र को दे दिया है,
23 जिससे सब लोग जिस प्रकार पिता का आदर करते हैं, उसी प्रकार पुत्र का भी आदर करें। जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का, जिसने पुत्र को भेजा, आदर नहीं करता।
24 “मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ – जो मेरी शिक्षा सुनता और जिसने मुझे भेजा, उस में विश्वास करता है, उसे अनन्त जीवन प्राप्त है। वह दोषी नहीं ठहराया जायेगा। वह तो मृत्यु को पार कर जीवन में प्रवेश कर चुका है।
25 “मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ – वह समय आ रहा है, आ ही गया है, जब मृतक ईश्वर के पुत्र की वाणी सुनेंगे, और जो सुनेंगे, उन्हें जीवन प्राप्त होगा।
26 जिस तरह पिता स्वयं जीवन का स्रोत है, उसी तरह उसने पुत्र को भी जीवन का स्रोत बना दिया
27 और उसे न्याय करने का भी अधिकार दिया है, क्योंकि वह मानव पुत्र है।
28 इस पर आश्चर्य न करो। वह समय आ रहा है, जब वे सब, जो कब्रों में है, उसकी वाणी सुन कर निकल आयेंगे।
29 सत्कर्मी जीवन के लिए पुनर्जीवित हो जायेंगे और कुकर्मी नरकदण्ड के लिए।