बाईसवाँ सामान्य सप्ताह
आज के संत: संत एलेथेरियुस (मुक्तिकुमार)


📒पहला पाठ- कलोसियों 1: 21-23

21 आप लोग भी अपने कुकर्मों के कारण ईश्वर से दूर हो गये थे और आपके मन में ईश्वर की शत्रुता भर गयी थी।

22 किन्तु अब मसीह ने अपने मरणशील शरीर की मृत्यु द्वारा ईश्वर से आपका मेल कराया है, जिससे वह आप को पवित्र, निर्दोष और अनिन्द्य बना कर ईश्वर के सामने प्रस्तुत कर सकें।

23 किन्तु आप को विश्वास में दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होना चाहिए, जो आप को सुसमाचार द्वारा दिलायी गयी। वह सुसमाचार आकाश के नीचे की समस्त सृष्टि को सुनाया गया है और मैं, पौलुस, उसका सेवक हूँ।


📙सुसमाचार- लूकस 6: 1-5

1 ईसा किसी विश्राम के दिन गेंहूँ के खेतों से हो कर जा रहे थे। उनके शिष्य बालें तोड़ कर और हाथ से मसल कर खाते थे।

2 कुछ फ़रीसियों ने कहा, “जो काम विश्राम के दिन मना है, तुम क्यों वही कर रहे हो?”

3 ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या तुम लोगों ने यह नहीं पढ़ा कि जब दाऊद और उनके साथियो को भूख लगी, तो दाऊद ने क्या क्या किया था?

4 उन्होंने ईश-मन्दिर में जा कर भेंट की रोटियाँ उठा लीं, उन्हें स्वयं खाया तथा अपने साथियों को भी खिलाया। याजकों को छोड़ किसी और को उन्हें खाने की आज्ञा तो नहीं है।”

5 और ईसा ने उन से कहा, “मानव पुत्र विश्राम के दिन का स्वामी”।