अठारहवाँ सामान्य सप्ताह
आज के संत: क्रूस की संत तेरेसा बेनेदिक्ता


📒पहला पाठ- विधि विवरण 6: 4-13

4 “इस्राएल! सुनो। हमारा प्रभु-ईश्वर एकमात्र प्रभु है।
5 तुम अपने प्रभु-ईश्वर को अपने सारे हृदय, अपनी सारी आत्मा और अपनी सारी शक्ति से प्यार करो।
6 जो शब्द मैं तुम्हें आज सुना रहा हूँ, वे तुम्हारे हृदय पर अंकित रहें।
7 तुम उन्हें अपने पुत्रों को अच्छी तरह सिखाओ। घर में बैठते या राह चलते, शाम को लेटते या सुबह उठते समय, उनकी चरचा किया करो।
8 तुम उन्हें निशानी की तरह अपने हाथ पर और तावीज़ की तरह अपने मस्तक पर बाँधे रखो
9 और अपने घरों की चौखट तथा अपने फाटकों पर लिख दो।
10 “जब तुम्हारा प्रभु-ईश्वर तुम लोगों को उस देश ले जायेगा, जिसे उसने शपथ खा कर तुम्हारे पूर्वजों – इब्राहीम, इसहाक और याकूब – को देने की प्रतिज्ञा की है; जहाँ बड़े और भव्य नगर हैं , जिन्हें तुमने नहीं बनाया;
11 जहाँ के घर क़ीमती चीज़ों से भरे हैं, जिन्हें तुमने एकत्र नहीं किया; जहाँ पानी के कुण्ड हैं; जिन्हें तुमने नहीं खोदा; जहाँ दाखबारियाँ और जैतून के पेड़ हैं, जिन्हें तुमने नहीं लगाया; जब तुम वहाँ खा कर तृप्त हो जाओगे,
12 तो सावधान रहो और अपने प्रभु-ईश्वर को मत भूलो, जो तुम लोगों को मिस्र देश से – गुलामी के घर से – निकाल लाया।
13 “तुम अपने प्रभु-ईश्वर पर श्रद्धा रखोगे, उसी की सेवा करोगे और उसी के नाम पर शपथ खाओगे।


📙सुसमाचार – मत्ती 17:14-20

14 जब वे जनसमूह के पास पहुँचे, तो एक मनुष्य आया और ईसा के सामने घुटने टेक कर बोला,

15 “प्रभु! मेरे बेटे पर दया कीजिए। उसे मिरगी का दौरा पड़ा करता है। उसकी हालत बहुत ख़राब है और वह अक्सर आग या पानी में गिर जाता है।

16 मैं उसे आपके शिष्यों के पास लाया, किन्तु वे उसे चंगा नहीं कर सके।” 

17 ईसा ने कहा, “अविश्वासी और दुष्ट पीढ़ी! मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँ? कब तक तुम्हें सहता रहूँ? उस लड़के को यहाँ ले आओ।” 

18 ईसा ने अपदूत को डांटा और वह लड़के से निकल गया। वह लड़का उसी घड़ी चंगा हो गया।

19 बाद में  शिष्यों ने एकान्त में ईसा के पास आ कर पूछा, “हम लोग उसे क्यों नहीं निकाल सके?”

20 ईसा ने उन से कहा, “अपने विश्वास की कमी के कारण। मैं तुम से यह कहता हूँ- यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो और तुम इस पहाड़ से यह कहो, ‘यहाँ से वहाँ तक हट जा, तो यह हट जायेगा; और तुम्हारे लिए कुछ भी असम्भव नहीं होगा।