दसवाँ समान्य सप्ताह

आज के संत: संत एफ्रेम

📒 पहला पाठ- 2 कुरिंथियों 1: 1-7

1 कुरिन्थ में ईश्वर की कलीसिया तथा समस्त अख़ैया में रहने वाले सभी सन्तों के नाम पौलुस, जो ईश्वर द्वारा ईसा मसीह का प्रेरित नियुक्त हुआ है, और भाई तिमथी का पत्र।

2 हमारा पिता ईश्वर, और प्रभु ईसा मसीह आप लोगों को अनुग्रह तथा शान्ति प्रदान करें।

3 धन्य है ईश्वर, हमारे प्रभु ईसा मसीह का पिता, परमदयालु पिता और हर प्रकार की सान्त्वना का ईश्वर।

4 वह सारी दुःख तकलीफ़ में हम को सान्त्वना देता रहता है, जिसमें ईश्वर की ओर से हमें जो सान्त्वना मिलती है, उसके द्वारा हम दूसरों को भी, उनकी हर प्रकार की तकलीफ में सान्त्वना देने के लिए समर्थ हो जायें;

5 क्योंकि जिस प्रकार हम प्रचुर मात्रा में मसीह के दुःख-भोग के सहभागी हैं, उसी प्रकार मसीह द्वारा हम को प्रचुर मात्रा में सान्त्वना भी मिलती है।

6 यदि हमें दुःख भोगना पड़ता है, तो आप लोगों की सान्त्वना और मुक्ति के लिए, और यदि हमें सान्त्वना मिलती है, तो इसलिए की हम आप लोगों को सान्त्वना दे सकें, जिससे आप धैर्य के साथ वह दुःख सहने में समर्थ हों, जिसे हम भोगते हैं।

7 आप लोगों के विषय में हमारी आशा सुदृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं कि जिस प्रकार आप हमारे दुःख के भागी हैं, उसी प्रकार आप हमारी सान्त्वना के भी भागी होंगे।

📙 सुसमाचार – मत्ती 5: 1-12

1 ईसा यह विशाल जनसमूह देख कर पहाड़ी पर चढ़े और बैठ गये। उनके शिष्य उनके पास आये

2 और वे यह कहते हुए उन्हें शिक्षा देने लगेः

3 “धन्य हैं वे, जो अपने को दीन-हीन समझते हैं ! स्वर्गराज्य उन्हीं का है।

4 धन्य हैं वे जो नम्र हैं ! उन्हें प्रतिज्ञात देश प्राप्त होगा।

5 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं ! उन्हें सान्त्वना मिलेगी।

6 धन्य हैं, वे, जो धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं ! वे तृप्त किये जायेंगे।

7 धन्य हैं वे, जो दयालु हैं! उन पर दया की जायेगी।

8 धन्य हैं वे, जिनका हृदय निर्मल है! वे ईश्वर के दर्शन करेंगे।

9 धन्य हैं वे, जो मेल कराते हैं! वे ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे।

10 धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्याचार सहते हैं! स्वर्गराज्य उन्हीं का है।

11 “धन्य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्याचार करते और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं।

12 खुश हो और आनन्द मनाओ- स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा। तुम्हारे पहले के नबियों पर भी उन्होंने इसी तरह अत्याचार किया।