येसु खीस्त का शरीर और रक्त का पर्व
📒पहला पाठ- उत्पत्ति 14: 18-20
18 सालेम का राजा मेलख़ीसेदेक रोटी और अंगूरी ले आया। वह सर्वोच्च का याजक था।
19 उसने उसे यह कहते हुए आशीर्वाद दिया, ”स्वर्ग और पृथ्वी का सृष्टिकर्ता सर्वोच्च ईश्वर अब्राम को आशीर्वाद प्रदान करे।
20 धन्य है सर्वोच्च ईश्वर, जिसने तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारे अधीन कर दिया!” अब्राम ने उसे सब चीजों का दशमांश दिया।
📙दूसरा पाठ- 1 कुरिंथियों 11: 23-26
23 मैंने प्रभु से सुना और आप लोगों को भी यही बताया कि जिस रात प्रभु ईसा पकड़वाये गये, उन्होंने रोटी ले कर
24 धन्यवाद की प्रार्थना पढ़ी और उसे तोड़ कर कहा-यह मेरा शरीर है, यह तुम्हारे लिए है। यह मेरी स्मृति में किया करो।
25 इसी प्रकार, ब्यारी के बाद उन्होंने प्याला ले कर कहा- यह प्याला मेरे रक्त का नूतन विधान है। जब-जब तुम उस में से पियो, तो यह मेरी स्मृति में किया करो।
26 इस प्रकार जब-जब आप लोग यह रोटी खाते और वह प्याला पीते हैं, तो प्रभु के आने तक उनकी मृत्यु की घोषणा करते हैं।
📘सुसमाचार – लूकस 9: 11-17
11 किन्तु लोगों को इसका पता चल गया और वे भी उनके पीछे हो लिये। ईसा ने उनका स्वागत किया, ईश्वर के राज्य के विषय में उन को शिक्षा दी और बीमारों को अच्छा किया।
12 अब दिन ढलने लगा था। बारहों ने उनके पास आ कर कहा, “लोगों को विदा कीजिए, जिससे वे आसपास के गाँवों और बस्तियों में जा कर रहने और खाने का प्रबन्ध कर सकें। यहाँ तो हम लोग निर्जन स्थान में हैं।”
13 ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम लोग ही उन्हें खाना दो”। उन्होंने कहा, “हमारे पास तो केवल पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं। क्या आप चाहते हैं कि हम स्वयं जा कर उन सब के लिए खाना ख़रीदें?”
14 वहाँ लगभग पाँच हज़ार पुरुष थे। ईसा ने अपने शिष्यों से कहा, “पचास-पचास कर उन्हें बैठा दो”।
15 उन्होंने ऐसा ही किया और सब को बैठा दिया।
16 तब ईसा ने वे पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ ले लीं, स्वर्ग की ओर आँखें उठा कर उन पर आशिष की प्रार्थना पढ़ी और उन्हें तोड़-तोड़ कर वे अपने शिष्यों को देते गये ताकि वे उन्हें लोगों में बाँट दें।
17 सबों ने खाया और खा कर तृप्त हो गये, और बचे हुए टुकड़ों से बारह टोकरे भर गये।