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अध्याय 29

1 ‘’तुम सातवें महीने के पहले दिन धर्मसभा का आयोजन करो और कोई काम मत करो।
2 उस दिन तुरहियाँ बजवाओ और होम-बलि के रूप में एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक-एक वर्ष के सात अदोष मेमने अर्पित करो। यह सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है।
3 साथ-साथ अन्न-बलि के रूप में तेल से सना हुआ मैदा – बछड़े के साथ छः सेर, मेढ़े के साथ चार सेर
4 और प्रत्येक मेमने के साथ दो सेर।
5 इसके अतिरिक्त प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा, जिससे तुम्हारे लिए प्रायश्चित्त-विधि सम्पन्न की जाये।
6 यह सब प्रभु को अर्पित करना है। यह सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है। इसके अलावा मासिक एवं दैनिक होम-बलियाँ और उनके साथ निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ चढ़ाना है।
7 ‘’उस सातवें महीने के दसवें दिन तुम्हें धर्मसभा का आयोजन करना है। उस दिन उपवास करना चाहिए और कोई काम नहीं।
8 तुम्हें होम-बलि के रूप में एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक-एक वर्ष के सात अदोष मेमने अर्पित करने हैं। यह एक सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है।
9 साथ-साथ निर्धारित अन्न-बलि के रूप में तेल से सना हुआ मैदा – बछड़े के साथ छः सेर, मेढ़े के साथ चार सेर
10 और हर एक मेमने के साथ दो सेर।
11 इसके अतिरिक्त प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा, जिससे तुम्हारे लिए प्रायश्चित्त-विधि सम्पन्न की जाये। इसके सिवा दैनिक होम-बलि और उसके साथ निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ चढ़ाना है।
12 ‘’उस सातवें महीने के पन्द्रहवें दिन तुम्हें धर्मसभा का आयोजन करना चाहिए और कोई काम नहीं। तुम्हें सात दिन तक प्रभु के लिए यह पर्व मनाना चाहिए।
13 तुम्हें होम-बलि के रूप में तेरह बछड़े, दो मेढ़े और एक-एक वर्ष के चौदह अदोष मेमने अर्पित करने हैं। यह एक सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है।
14 साथ-साथ अन्न-बलि के रूप में तेल से सना हुआ मैदा – हर एक बछड़े के साथ छः सेर, हर एक मेढ़े के साथ चार सेर
15 और प्रत्येक मेमने के साथ दो सेर।
16 इसके अतिरिक्त प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा। इसके सिवा दैनिक होम-बलि और उसके साथ निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ चढ़ाना है।
17 ‘’दूसरे दिन बारह बछड़े, दो मेढ़े और एक-एक वर्ष के चौदह अदोष मेमने
18 और उनके साथ बछड़ों, मेढ़ों और मेमनों की संख्या के अनुसार निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ।
19 इसके अतिरिक्त प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा। इसके सिवा दैनिक होम-बलि एवं अन्न-बलि और उसके लिए निर्धारित अर्घ चढ़ाना है।
20 “तीसरे दिन ग्यारह बछड़े, दो मेढ़े और एक-एक वर्ष के चौदह अदोष मेमने
21 और उनके साथ बछड़ों, मेढ़ों और मेमनों की संख्या के अनुसार निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ।
22 इसके अतिरिक्त प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा। इसके सिवा दैनिक होम-बलि और उसके साथ निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ चढ़ाना है।
23 “चौथे दिन दस बछड़े, दो मेढ़े और एक-एक वर्ष के चौदह अदोष मेमने
24 और उनके साथ बछड़ों, मेढ़ों और मेमनों की संख्या के अनुसार निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ।
25 फिर प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा। इसके अतिरिक्त दैनिक होम-बलि और उसके साथ निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ चढ़ाना है।
26 “पाँचवें दिन नौ बछड़े, दो मेढ़े और एक-एक वर्ष के चौदह अदोष मेमने
27 और उनके साथ बछड़ों, मेढ़ों और मेमनों की संख्या के अनुसार निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ।
28 फिर प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा। इसके अतिरिक्त दैनिक होम-बलि और उसके साथ निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ चढ़ाना है।
29 “छठे दिन आठ बछड़े, दो मेढ़े और एक-एक वर्ष के चौदह अदोष मेमने
30 और उनके साथ बछड़ों, मेढ़ों और मेमनों की संख्या के अनुसार निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ।
31 फिर प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा। इसके अतिरिक्त दैनिक होम-बलि और उसके साथ निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ चढ़ाना है।
32 “सातवें दिन सात बछड़े, दो मेढ़े और एक-एक वर्ष के चौदह अदोष मेमने
33 और उनके साथ बछड़ों, मेढ़ों और मेमनों की संख्या के अनुसार निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ।
34 फिर प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा। इसके अतिरिक्त दैनिक होम-बलि और उसके साथ निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ चढ़ाना है।
35 आठवें दिन तुम्हें धर्मसभा का आयोजन करना चाहिए और कोई काम नहीं।
36 होम-बलि के रूप में एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक-एक वर्ष के सात अदोष मेमने चढ़ाओगे। यह एक सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है।
37 उनके साथ बछड़े, मेढ़े और मेमनों की संख्या के अनुसार निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ।
38 फिर प्रायश्चित्त-बलि के रूप में एक बकरा। इसके अतिरिक्त दैनिक होम-बलि और उसके साथ निर्धारित अन्न-बलि और अर्घ।
39 “तुम्हें अपने पर्वों पर ये चढ़ावे अर्पित करने हैं और इसके अतिरिक्त वे होम-बलियाँ, अन्न-बलियाँ, अर्घ और शान्ति-बलियाँ, जिन्हें तुम मन्नत के कारण या स्वेच्छा से चढ़ाते हो।‘