स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 8

2 (1-2) प्रभु! हमारे ईश्वर! तेरा नाम समस्त पृथ्वी पर कितना महान् है! तेरी महिमा आकाश से भी ऊँची है।

3 बालक और दुधमुँहे बच्चे तेरा गुणगान करते हैं। तूने अपने लिए एक सुदृढ़ गढ़ बनाया है। तेरे शत्रु और विद्रोही उसके सामने नहीं टिक सकते।

4 जब मैं तेरे बनाये हुए आकाश को देखता हूँ, तेरे द्वारा स्थापित तारों और चन्द्रमा को,

5 तो सोचता हूँ कि मनुष्य क्या है, जो तू उसकी सुधि ले? आदम का पुत्र क्या है, जो तू उसकी देख-भाल करे?

6 तूने उसे स्वर्गदूतों से कुछ ही छोटा बनाया और उसे महिमा और सम्मान का मुकुट पहनाया।

7 तूने उसे अपनी सृष्टि पर अधिकार दिया और उसके पैरों तले सब कुछ डाल दिया-

8 सब भेड़-बकरियों, गाय-बैलों और जंगल के बनैले पशुओं को;

9 आकाश के पक्षियों, समुद्र की मछलियों और सारे जलचरी जन्तुओं को।

10 प्रभु! हमारे ईश्वर! तेरा नाम समस्त पृथ्वी पर कितना महान् है!