स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 70

2 (1-2 ईश्वर! मेरा उद्धार कर। प्रभु! शीघ्र ही मेरी सहायता कर।

3 जो मेरे जीवन के गाहक हैं, वे सब-के-सब लज्जित हों, जो मेरी दुर्गति की कामना करते हैं, वे अपमानित हो कर हट जायें।

4 जो मुझे से “अहा! अहा!” कहते हैं, वे कलंकित हो कर पीछे हटें।

5 जो तेरी खोज में लगे हैं, वे सभी उल्लास के साथ आनन्द मनायें। जो तेरे द्वारा मुक्ति चाहते हैं, वे निरन्तर यह कहते रहें: प्रभु महान् है।

6 मैं दरिद्र और अपमानित हूँ; ईश्वर! शीघ्र ही मेरे पास आ। तू ही मेरा सहायक और उद्धारक है। प्रभु! विलम्ब न कर।