स्तोत्र ग्रन्थ

अध्याय : 1234567891011121314151617181920212223242526272829303132333435363738394041424344454647484950515253 54555657585960616263646566676869707172737475767778798081828384858687888990919293949596979899100101102103104105106107108109 110111112113114115116117118119120121122123124125126127128129130131132133134135136137138139140141142143144145146147148149150पवित्र बाईबल

स्तोत्र 128

1 धन्य हैं वे, जो प्रभु पर श्रद्धा रखते और उसके मार्गों पर चलते हैं!

2 तुम अपने हाथ की कमाई से सुखपूर्वक जीवन बिताते हो।

3 तुम्हारी पत्नी तुम्हारे घर के आँगन में दाखलता की तरह फलती-फूलती है। तुम्हारी सन्तान जैतून की टहनियों की तरह तुम्हारे चौके की शोभा बढ़ाती है।

4 जो प्रभु पर श्रद्धा रखता है, उसे यही आशीर्वाद प्राप्त होता है।

5 प्रभु सियोन पर्वत पर से तुम्हें आशीर्वाद प्रदान करे, जिससे तुम जीवन भर येरुसालेम का कुशल-मंगल

6 और अपने पौत्रों को देख सको। इस्राएल को शान्ति!