जून 23, 2023, शुक्रवार
वर्ष का ग्यारहवाँ सप्ताह
📒 पहला पाठ : 2 कुरिन्थियों 11:18, 21-30
18) जब बहुत से लोग उन बातों की डींग मारते हैं, जो संसार की दृष्टि में महत्व रखती है, तो मैं भी वही करूँगा।
21) मैं संकोच के साथ स्वीकार करता हूँ कि आप लोगों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करने का मुझे साहस नहीं हुआ। आप इसे मेरी नादानी समझें, किन्तु जिन बातों के विषय में वे लोग डींग मारने का साहस करते हैं, मैं भी उन बातों के विषय में वही कर सकता हूँ।
22) वे इब्रानी हैं? मैं भी हूँ! वे इस्राएली हैं? मैं भी हूँ! वे इब्राहीम की सन्तान हैं? मैं भी हूँ!
23) मैं नादानी की झोंक में कहता हूँ कि मैं इस में उन से बढ़ कर हूँ। मैंने उन से अधिक परिश्रम किया, अधिक समय बन्दीगृह में बिताया और अधिक बार कोड़े खाये। मैं बारम्बार प्राण संकट में पड़ा।
24) यहूदियों ने मुझ पाँच बार एक कम चालीस कोड़े लगाये।
25) मैं तीन बार बेंतों से पीटा और एक बार पत्थरों से मारा गया। तीन बार ऐसा हुआ कि जिस नाव पर मैं यात्रा कर कर रहा था, वह टूट गयी और एक बार वह पूरे चैबीस घण्टे खुले समुद्र पर इधर-उधर बहती रही।
26) मैं बारम्बार यात्रा करता रहा। मुझे नदियों के खतरे का सामना करना पड़ा, डाकुओं के खतरे, समुद्र के खतरे और कपटी भाइयो के खतरे का।
27) मैंने कठोर परिश्रम किया और बहुत-सी रातें जागते हुए बितायीं। मुझे अक्सर भोजन नहीं मिला। भूख-प्यास, ठण्ड और कपड़ों के अभाव-यह सब मैं सहता रहा
28) और इन बातों के अतिरिक्त सब कलीसियाओं के विषय में मेरी चिन्ता हर समय बनी रहती है।
29) जब कोई दुर्बल है, तो क्या मैं उसकी दुर्बलता से प्रभावित नहीं? जब किसी का पतन होता है, तो क्या मैं इसका तीखा अनुभव नहीं करता?
30) यदि किसी बात पर गर्व करना है, तो मैं अपनी दुर्बलताओं पर गर्व करूँगा।
📙 सुसमाचार : मत्ती 6:19-23
19) पृथ्वी पर अपने लिए पूँजी जमा नहीं करो, जहाँ मोरचा लगता है, कीडे़ खाते हैं और चोर सेंध लगा कर चुराते हैं।
20) स्वर्ग में अपने लिए पूँजी जमा करो, जहाँ न तो मोरचा लगता है, न कीड़े खाते हैं और न चोर सेंध लगा कर चुराते हैं।
21) क्योंकि जहाँ तुम्हारी पूँजी है, वही तुम्हारा हृदय भी होगा।
22) आँख शरीर का दीपक है। यदि तुम्हारी आँख अच्छी है, तो तुम्हारा सारा शरीर प्रकाशमान होगा;
23) किन्तु यदि तुम्हारी आँख बीमार है, तो तुम्हारा सारा शरीर अंधकारमय होगा। इसलिए जो ज्योति तुम में है, यदि वही अंधकार है, तो यह कितना घोर अंधकार होगा!