सोमवार, 18 सितंबर, 2023

वर्ष का चौबीसवाँ सामान्य सप्ताह

पहला पाठ : 1तिमथी 2:1-8

1 (1-2) मैं सब से पहले यह अनुरोध करता हूँ कि सभी मनुष्यों के लिए, विशेष रूप से राजाओं और अधिकारियों के लिए, अनुनय-विनय, प्रार्थना निवेदन तथा धन्यवाद अर्पित किया जाये, जिससे हम भक्ति तथा मर्यादा के साथ निर्विघ्न तथा शान्त जीवन बिता सकें।

3) यह उचित भी है और हमारे मुक्तिदाता ईश्वर को प्रिय भी,

4) क्योंकि वह चाहता है कि सभी मनुष्य मुक्ति प्राप्त करें और सत्य को जानें।

5) क्योंकि केवल एक ही ईश्वर है और ईश्वर तथा मनुष्यों के केवल एक ही मध्यस्थ हैं, अर्थात् ईसा मसीह,

6) जो स्वयं मनुष्य हैं और जिन्होंने सब के उद्धार के लिए अपने को अर्पित किया। उन्होंने उपयुक्त समय पर इसके सम्बन्ध में अपना साक्ष्य दिया।

7) मैं सच कहता हूँ, झूठ नहीं बोलता। मैं इसी का प्रचारक तथा प्रेरित, गैर-यहूदियों के लिए विश्वास तथा सत्य का उपदेशक नियुक्त हुआ हूँ।

8) मैं चाहता हूँ कि सब जगह पुरुष, बैर तथा विवाद छोड़ कर, श्रद्धापूर्वक हाथ ऊपर उठा कर प्रार्थना करें।

सुसमाचार : सन्त लूकस 7:1-10

1) जनता को अपने ये उपदेश सुनाने के बाद ईसा कफ़रनाहूम आये।

2) वहाँ एक शतपति का अत्यन्त प्रिय नौकर किसी रोग से मर रहा था।

3) शतपति ने ईसा की चर्चा सुनी थी; इसलिए उसने यहूदियों के कुछ प्रतिष्ठित नागरिकों को ईसा के पास यह निवेदन करने के लिए भेजा कि आप आ कर मेरे नौकर को बचायें।

4) वे ईसा के पास आ कर आग्रह के साथ यह कहते हुए उन से विनय करते रहे, ’’वह शतपति इस योग्य है कि आप उसके लिए ऐसा करें।

5) वह हमारे राष्ट्र से प्रेम करता है और उसी ने हमारे लिए सभागृह बनवाया।’’

6) ईसा उनके साथ चले। वे उसके घर के निकट पहुँचे ही थे कि शतपति ने मित्रों द्वारा ईसा के पास यह कहला भेजा, ’’प्रभु! आप कष्ट न करें, क्योंकि मैं इस योग्य नहीं हूँ कि आप मेरे यहाँ आयें।

7) इसलिए मैने अपने को इस योग्य नहीं समझा कि आपके पास आऊँ। आप एक ही शब्द कह दीजिए और मेरा नौकर चंगा हो जायेगा।

8) मैं एक छोटा-सा अधिकारी हूँ। मेरे अधीन सिपाही रहते हैं। जब मैं एक से कहता हूँ- ’जाओ’, तो वह जाता है और दूसरे से- ’आओ’, तो वह आता है और अपने नौकर से-’यह करो’, तो वह यह करता है।’’

9) ईसा यह सुन कर चकित हो गये और उन्होंने पीछे आते हुए लोगों की ओर मुड़ कर कहा, ’’मै तुम लोगों से कहता हूँ- इस्राएल में भी मैंने इतना दृढ़ विश्वास नहीं पाया’’।

10) और भेजे हुए लोगों ने घर लौट कर रोगी नौकर को भला-चंगा पाया।