सामान्य – काल
दूसरा रविवार

आज के संत: संत पौलुस-प्रथम एकान्तवासी

📒 पहला पाठ: समूएल का पहला ग्रन्थ 15: 16-23

16 समूएल ने साऊल से कहा, “बहुत हुआ। मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि प्रभु ने कल रात मुझ से क्या कहा।” इस पर साऊल ने उत्तर दिया, “बताइये।”

17 समूएल ने कहा, “तुम भले ही अपने को छोटा समझते थे, फिर भी तुम इस्राएली वंशों के अध्यक्ष हो और प्रभु ने इस्राएल के राजा के रूप में तुम्हारा अभिषेक किया है।

18 प्रभु ने तुम्हें यह आदेश दे कर भेजा था, ‘जाओ और उन पापी अमालेकियों का संहार करो और उन से तब तक लड़ते रहो, जब तक उनका सर्वनाश न हो।’

19 तुमने क्यों प्रभु की आज्ञा का उल्लंघन किया और लूट के माल पर झपट कर वह काम किया, जो प्रभु की दृष्टि में बुरा है?”

20 इस पर साऊल ने समूएल से कहा, “मैंने प्रभु की आज्ञा का पालन किया। प्रभु ने जहाँ मुझे भेजा, मैं वहाँ गया और अमालेकियों का संहार कर अमालेक के राजा अगाग को यहाँ ले आया।

21 लेकिन जनता के लूट के माल में से सर्वोत्तम भेड़ों और बैलों को संहार से बचा कर ले लिया, जिससे वे उन्हें आपके प्रभु ईश्वर को बलि चढ़ायें।”

22 समूएल ने उत्तर दिया, “क्या होम और बलिदान प्रभु को इतने प्रिय होते हैं, जितना उसके आदेश का पालन? नहीं! आज्ञापालन बलिदान से कहीं अधिक उत्तम है और आत्मसमर्पण भेड़ों की चरबी से बढ़ कर है;

23 क्योंकि विद्रोह जादू-टोने की तरह पाप है और आज्ञाभंग मूर्तिपूजा के बराबर है। तुमने प्रभु का वचन अस्वीकार किया, इसलिए प्रभु ने तुम को अस्वीकार किया – तुम अब से राजा नहीं रहोगे।”

📙 सुसमाचार : संत मारकुस 2: 18-22

18 योहन के शिष्य और फ़रीसी किसी दिन उपवास कर रहे थे। कुछ लोग आ कर ईसा से बोले, “योहन के शिष्य और फ़रीसी उपवास कर रहे हैं। आपके शिष्य उपवास क्यों नहीं करते?”

19 ईसा ने उत्तर दिया, “जब तक दुल्हा साथ है, क्या बाराती शोक मना सकते हैं? जब तक दुल्हा उनके साथ हैं, वे उपवास नहीं कर सकते हैं।

20 किन्तु वे दिन आयेंगे, जब दुल्हा उनसे बिछुड़ जायेगा। उन दिनों वे उपवास करेंगे।

21 “कोई पुराने कपड़े पर कोरे कपड़े का पैबन्द नहीं लगाता। नहीं तो नया पैबन्द सिकुड़ कर पुराना कपड़ा फाड़ देता है और चीर बढ़ जाती है।

22 कोई पुरानी मशकों में नयी अंगूरी नहीं भरता। नहीं तो अंगूरी मशकों को फाड़ देती है और अंगूरी तथा मशकें, बरबाद हो जाती हैं। नयी अंगूरी को नयी मशको में भरना चाहिए।