सामान्य काल
तेईसवाँ सप्ताह
आज के संत : तोलेनतीनो के संत निकोलस, धर्मवीर


📙पहला पाठ: 1 कुरिन्थियों 6: 1-11

1 यदि आप लोगों में कोई आपसी झगड़ा हो, तो आप न्याय के लिए सन्तों के पास नहीं, बल्कि अविश्वासियों के पास जाने का साहस कैसे कर सकते हैं?

2 क्या आप नहीं जानते कि सन्त संसार का न्याय करेंगे, यदि आप को संसार का न्याय करना है, तो क्या आप छोटे-से मामलों का फैसला करने योग्य नहीं?

3 क्या आप नहीं जानते कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे? तो फिर साधारण जीवन के मामलों की बात ही क्या!

4 यदि आप लोगों में साधारण जीवन के मामलों के बारे में कोई झगड़ा हो तो आप क्यों ऐसे लोगों को पंच बनाते हैं, जो कलीसिया की दृष्टि में नगण्य हैं?

5 यह मैं आप को लज्जित करने के लिए कह कह रहा हूँ। क्या आप लोगों में एक भी समझदार व्यक्ति विद्यमान नहीं है, जो अपने भाइयों का न्याय कर सकता है?

6 इसकी क्या जरूरत है कि भाई अपने भाई पर अविश्वासियों की अदालत में मुक़दमा चलाये?

7 वास्तव में पहला दोष यह है कि आप एक दूसरे पर मुकदमा चलाते हैं। इसकी अपेक्षा आप अन्याय क्यों नहीं सह लेते? अपनी हानि क्यों नहीं होने देते?

8 उलटे, आप स्वयं अन्याय करते और दूसरों को हानि पहुँचाते हैं और वे आपके भाई हैं!

9 क्या आप यह नहीं जानते कि अन्याय करने वाले ईश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे? धोखें में न रहें! व्यभिचारी, मूर्तिपूजक, परस्त्रीगामी, लौण्डे और पुरुषगामी,

10 चोर, लोभी, शराबी, निन्दक और धोखेबाज ईश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे।

11 आप लोगों में कुछ ऐसे ही थे। किन्तु आप लोगों ने स्नान किया है, आप पवित्र किये गये और प्रभु ईसा मसीह के नाम पर और हमारे ईश्वर के आत्मा द्वारा आप पापमुक्त किये गये हैं।


📕 सुसमाचार: संत लूकस 6: 12-19

12 उन दिनों ईसा प्रार्थना करने एक पहाड़ी पर चढ़े और वे रात भर ईश्वर की प्रार्थना में लीन रहे।

13 दिन होने पर उन्होंने अपने शिष्यों को पास बुलाया और उन में से बारह को चुन कर उनका नाम ’प्रेरित’ रखा-

14 सिमोन जिसे उन्होंने पेत्रुस नाम दिया और उसके भाई अन्द्रेयस को; याकूब और योहन को; फि़लिप और बरथोलोमी को,

15 मत्ती और थोमस को; अलफाई के पुत्र याकूब और सिमोन को, जो ’उत्साही’ कहलाता है;

16 याकूब के पुत्र यूदस और यूदस इसकारियोती को, जो विश्वासघाती निकला।

17 ईसा उनके साथ उतर कर एक मैदान में खड़े हो गये। वहाँ उनके बहुत-से शिष्य थे और समस्त यहूदिया तथा येरूसालेम का और समुद्र के किनारे तीरूस तथा सिदोन का एक विशाल जनसमूह भी था, जो उनका उपदेश सुनने और अपने रोगों से मुक्त होने के लिए आया था।

18 ईसा ने अपदूतग्रस्त लोगों को चंगा किया।

19 सभी लोग ईसा को स्पर्श करने का प्रयत्न कर रहे थे, क्योंकि उन से शक्ति निकलती थी और सब को चंगा करती थी।