सामान्य काल
चौबीसवाँ सप्ताह
आज के संत : संत अन्द्रेयस किम और साथी शहीद


📙पहला पाठ: 1 कुरिन्थियों 15: 12-20

12 यदि हमारी शिक्षा यह है कि मसीह मृतकों में से जी उठे, तो आप लोगों में कुछ यह कैसे कहते हैं कि मृतकों का पुनरूत्थान नहीं होता?

13 यदि मृतकों का पुनरूत्थान नहीं होता, तो मसीह भी नहीं जी उठे।

14 यदि मसीह नहीं जी उठे, तो हमारा धर्मप्रचार व्यर्थ है और आप लोगों का विश्वास भी व्यर्थ है।

15 तब हम ने ईश्वर के विषय में मिथ्या साक्ष्य दिया; क्योंकि हमने ईश्वर के विषय में यह साक्ष्य दिया कि उसने मसीह को पुनर्जीवित किया और यदि मृतकों का पुनरूत्थान नहीं होता, तो उसने ऐसा नहीं किया।

16 कारण, यदि मृतकों का पुनरुत्थान नहीं होता, तो मसीह भी नहीं जी उठे।

17 यदि मसीह नहीं जी उठे, तो आप लोगों का विश्वास व्यर्थ है और आप अब तक अपने पापों में फंसे हैं।

18 इतना ही नहीं, जो लोग मसीह में विश्वास करते हुए मरे हैं, उनका भी विनाश हुआ है।

19 यदि मसीह पर हमारा भरोसा इस जीवन तक ही सीमित है, तो हम सब मनुष्यों में सब से अधिक दयनीय हैं।

20 किन्तु मसीह सचमुच मृतकों में से जी उठे। जो लोग मृत्यु में सो गये हैं, उन में वह सब से पहले जी उठे।


📕 सुसमाचार: संत लूकस 8: 1-3

1 इसके बाद ईसा नगर-नगर और गाँव-गाँव घूम कर उपदेश देते और ईश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाते रहे। बारह प्रेरित उनके साथ थे

2 और कुछ नारियाँ भी, जो दुष्ट आत्माओं और रोगों से मुक्त की गयी थीं-मरियम, जिसका उपनाम मगदलेना था और जिस से सात अपदूत निकले थे,

3 हेरोद के कारिन्दा खूसा की पत्नी योहन्ना; सुसन्ना और अनेक अन्य नारियाँ भी, जो अपनी सम्पत्ति से ईसा और उनके शिष्यों की सेवा-परिचर्या करती थीं।