ख्रीस्त जयन्ती-अठवारा
आज के संत: संत-सिल्वेस्तर । संत पापा
📙 पहला पाठ: 1 योहन 2: 18-21
18 बच्चो! यह अन्तिम समय है। तुम लोगों ने सुना होगा कि एक मसीह-विरोधी का आना अनिवार्य है। अब तक अनेक मसीह-विरोधी प्रकट हुए हैं। इस से हम जानते हैं कि अन्तिम समय आ गया है।
19 वे मसीह-विरोधी हमारा साथ छोड़कर चले गये, किन्तु वे हमारे अपने नहीं थे। यदि वे हमारे अपने होते, तो वे हमारे ही साथ रहते। वे चले गये, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि उन में कोई भी हमारा अपना नहीं था।
20 तुम लोगों को तो मसीह की ओर से पवित्र आत्मा मिला है और तुम सभी लोग सत्य जानते हो।
21 मैं तुम लोगों को इसलिए नहीं लिख रहा हूँ कि तुम सत्य नहीं जानते, बल्कि इसलिए कि तुम सत्य जानते हो और यह भी जानते हो कि हर झूठ सत्य का विरोधी है।
📕 सुसमाचार: संत योहन 1: 1-18
1 आदि में शब्द था, शब्द ईश्वर के साथ था और शब्द ईश्वर था।
2 वह आदि में ईश्वर के साथ था।
3 उसके द्वारा सब कुछ उत्पन्न हुआ। और उसके बिना कुछ भी उत्पन्न नहीं हुआ।
4 उस में जीवन था, और वह जीवन मनुष्यों की ज्योति था।
5 वह ज्योति अन्धकार में चमकती रहती है- अन्धकार ने उसे नहीं बुझाया।
6 ईश्वर को भेजा हुआ योहन नामक मनुष्य प्रकट हुआ।
7 वह साक्षी के रूप में आया, जिससे वह ज्योति के विषय में साक्ष्य दे और सब लोग उसके द्वारा विश्वास करें।
8 वह स्वयं ज्यांति नहीं था; उसे ज्योति के विषय में साक्ष्य देना था।