अप्रैल 17, 2023
पास्का का दूसरा सप्ताह, सोमवार
📒 पहला पाठ : प्रेरित-चरित 4:23-31
23) रिहा होने के बाद पेत्रुस और योहन अपने लोगों के पास लौटे और महायाजकों तथा नेताओं ने उन से जो कुछ कहा था, वह सब बतलाया।
24) वे उनकी बातें सुन कर एक स्वर से ईश्वर को सम्बोधित करते हुए बोले, ’’प्रभु! तूने स्वर्ग और पृथ्वी बनायी, समुद्र भी, और जो कुछ उन में है।
25) तूने पवित्र आत्मा द्वारा हमारे पिता, अपने सेवक दाऊद के मुख से यह कहाः
26) राष्ट्रों में खलबली क्यों मची हुई? देश-देश के लोग व्यर्थ की बातें क्यों करते हैं? पृथ्वी के राजा विद्रोह करते हैं। वे प्रभु तथा उसके मसीह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचते हैं।
27) वास्तव में हेरोद और पिलातुस, गैर-यहूदियों तथा इस्राएल के वंशों ने मिल कर इस शहर में तेरे परमपावन सेवक ईसा के विरुद्ध, जिनका तूने अभिशेक किया, षड्यन्त्र रचा था।
28) उन्होंने इस प्रकार वह सब पूरा किया, जिसे तू, शक्तिशाली विधाता, ने पहले से निर्धारित किया था।
29) प्रभु! तू उनकी धमकियों पर ध्यान दे और अपने सेवकों को यह कृपा प्रदान कर कि वे निर्भीकता से तेरा वचन सुनायें।
30) तू अपना हाथ बढ़ा कर अपने परमपावन सेवक ईसा के नाम पर स्वास्थ्यलाभ, चिन्ह तथा चमत्कार प्रकट होने दे।’’
31) उनकी प्रार्थना समाप्त होने पर वह भवन, जहाँ वे एकत्र थे, हिल गया। सब पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गये और निर्भीकता के साथ ईश्वर का वचन सुनाते रहे।
📚 सुसमाचार : सन्त योहन का सुसमाचार 3:1-8
1) निकोदेमुस नामक फरीसी यहूदियों की महासभा का सदस्य था।
2) वह रात को ईसा के पास आया और बोला, ‘‘रब्बी! हम जानते हैं कि आप ईश्वर की ओर से आये हुए गुरु हैं। आप जो चमत्कार दिखाते हैं, उन्हें कोई तब तक नहीं दिखा सकता, जब तक कि ईश्वर उसके साथ न हो।’’
3) ईसा ने उसे उत्तर दिया, ‘‘मैं आप से यह कहता हूँ- जब तक कोई दुबारा जन्म न ले, तब तक वह स्वर्ग का राज्य नहीं देख सकता’’।
4) निकोदेमुस ने उन से पूछा, ‘‘मनुष्य कैसे बूढ़ा हो जाने पर दुबारा जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दूसरी बार प्रवेश कर जन्म ले सकता है?’’
5) ईसा ने उत्तर दिया, ‘‘मैं आप से कहता हूँ- जब तक कोई जल और पवित्र आत्मा से जन्म न ले, तब तक वह ईश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।
6) जो देह से उत्पन्न होता है, वह देह है और जो आत्मा से उत्पन्न होता है, वह आत्मा है।
7) आश्चर्य न कीजिए कि मैंने यह कहा- आप को दुबारा जन्म लेना है।
8) पवन जिधर चाहता, उधर बहता है। आप उसकी आवाज सुनते हैं, किन्तु यह नहीं जानते कि वह किधर से आता और किधर जाता है। जो आत्मा से जन्मा है, वह ऐसा ही है।’’