अप्रैल 25, 2023, मंगलवार
पास्का का दूसरा सप्ताह
संत मारकुस, सुसमाचार लेखक का त्योहार
📒 पहला पाठ :1पेत्रुस 5:5ब-14
तुम, नवयुवकों! अध्यक्षों की अधीनता स्वीकार करो। आप सब-के-सब नम्रतापूर्वक एक दूसरे की सेवा करें; क्योंकि ईश्वर घमण्डियों का विरोध करता, किन्तु विनम्र लोगों पर दया करता है।
6) आप शक्तिशाली ईश्वर के सामने विनम्र बने रहें, जिससे वह आप को उपयुक्त समय में ऊपर उठाये।
7) आप अपनी सारी चिन्ताएँ उस पर छोड़ दें, क्योंकि वह आपकी सुधि लेता है।
8) आप संयम रखें और जागते रहें! आपका शत्रु, शैतान, दहाड़ते हुए सिंह की तरह विचरता है और ढूँढ़ता रहता है कि किसे फाड़ खाये।
9) आप विश्वास में दृढ़ हो कर उसका सामना करें। आप जानते हैं कि संसार भर में आपके भाई भी इस प्रकार के दुःख भोग रहे हैं।
10) ईश्वर ने, जो सम्पूर्ण अनुग्रह का स्रोत है, आप लोगों को मसीह द्वारा अपनी शाश्वत महिमा का भागी बनने के लिए बुलाया। वह, आपके थोड़े ही समय तक दुःख भोगने के बाद, आप को परिपूर्ण, सुस्थिर, समर्थ तथा सुदृढ़ बनायेगा।
11) उसका सामर्थ्य अनन्त काल तक बना रहता है। आमेन!
12) मैंने आप लोगों को ढ़ारस बंधाने के लिए यह संक्षिप्त पत्र सिल्वानुस से लिखवाया है, जिन को मैं अपना विश्वसनीय भाई मानता हूँ। मैं आप को यह विश्वास दिलाता हूँ कि इस में जो लिखा हुआ है, वह ईश्वर का सच्चा अनुग्रह है। उस अनुग्रह में सुदृढ़ बने रहें।
13) बाबुल की कलीसिया के सदस्य, जो आपकी तरह ही ईश्वर के कृपापात्र हैं, और मेरा पुत्र मारकुस आप लोगों को नमस्कार कहते हैं।
14) प्रेम के चुम्बन से एक दूसरे का अभिवादन करें। मसीह के सच्चे भक्तों आप सबों को शांति।
📚 सुसमाचार : मारकुस 16:15-20
15) इसके बाद ईसा ने उन से कहा, “संसार के कोने-कोने में जाकर सारी सृष्टि को सुसमाचार सुनाओ।
16) जो विश्वास करेगा और बपतिस्मा ग्रहण करेगा, उसे मुक्ति मिलेगी। जो विश्वास नहीं करेगा, वह दोषी ठहराया जायेगा।
17) विश्वास करने वाले ये चमत्कार दिखाया करेंगे। वे मेरा नाम ले कर अपदूतों को निकालेंगे, नवीन भाषाएँ बोलेंगे।
18) और साँपों को उठा लेंगे। यदि वे विष पियेंगे, तो उस से उन्हें कोई हानि नहीं होगी। वे रोगियों पर हाथ रखेंगे और रोगी स्वस्थ हो जायेंगे।“
19) प्रभु ईसा अपने शिष्यों से बातें करने के बाद स्वर्ग में आरोहित कर लिये गये और ईश्वर के दाहिने विराजमान हो गये।
20) शिष्यों ने जा कर सर्वत्र सुसमाचार का प्रचार किया। प्रभु उनकी सहायता करते रहे और साथ-साथ घटित होने वाले चमत्कारों द्वारा उनकी शिक्षा को प्रमाणित करते रहे।