बुधवार, 02 अगस्त, 2023

सत्रहवाँ सामान्य सप्ताह

📒 पहला पाठ : निर्गमन 34:29-35

29) जब मूसा नियम की दोनों पाटियाँ हाथ में लिये सीनई पर्वत से उतरा, तो उसे यह पता नहीं था कि ईश्वर से बातें करने के फलस्वरूप उसका मुखमण्डल देदीप्यमान है।

30) हारून और दूसरे इस्राएली मूसा का देदीप्यमान मुखमण्डल देख कर उसके निकट जाने से डरने लगे।

31) मूसा ने उन्हें बुलाया। इस पर हारून और समुदाय के नेता उसके पास आये और मूसा ने उन्हें सम्बोधित किया।

32) इसके बाद सभी इस्राएली उसके पास आये और मूसा ने उन्हें वे सब आदेश सुनाये, जिन्हें प्रभु ने सीनई पर्वत पर उसे दिया था।

33) लोगों को सम्बोधित करने के बाद मूसा ने अपना मुख परदे से ढक लिया।

34) जब-जब मूसा प्रभु से बातें करने तम्बू में प्रवेश करता था, तो वह बाहर निकलने तक वह परदा हटा दिया करता था। बाहर निकलने के बाद जब वह ईश्वर से मिले आदेश इस्राएलियों को सुनाता था,

35) तो इस्राएली मूसा का देदीप्यमान मुखमण्डल देखा करते थे। इसके बाद प्रभु से बात करने के लिए तम्बू में प्रवेश करने के समय तक, मूसा फिर अपना मुख परदे से ढक लिया करता था।

📒 सुसमाचार : मत्ती 13:44-46

44) ’’स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए ख़ज़ाने के सदृश है, जिसे कोई मनुष्य पाता है और दुबारा छिपा देता है। तब वह उमंग में जाता और सब कुछ बेच कर उस खेत को ख़रीद लेता है।

45) ’’फिर, स्वर्ग का राज्य उत्तम मोती खोजने वाले व्यापारी के सदृश है।

46) एक बहुमूल्य मोती मिल जाने पर वह जाता और अपना सब कुछ बेच कर उस मोती को मोल ले लेता है।