न्यायकर्ताओं का ग्रन्थ

अध्याय : 123456789101112131415161718192021 पवित्र बाईबल

अध्याय 17

1  एफ्ऱईम के पहाड़ी प्रदेश में मीका नामक मनुष्य रहता था।

2  उसने अपनी माँ से कहा, “चाँदी के वे ग्यारह सौ षेकेल मेरे पास हैं, जो आप से चुराये गये थे और जिनके लिए आपने मेरे सामने अभिशाप दिया था। मैंने ही उनकी चोरी की थी”। उसकी माँ ने उत्तर दिया, “पुत्र तुम्हें प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त हो!”

3  जब उसने वे ग्यारह सौ षेकेल अपनी माँ को लौटा दिये, तो उसकी माँ ने कहा, “मैं यह चाँदी अपने हाथ से प्रभु को अपने पुत्र के नाम अर्पित करती हूँ, जिससे मैं एक ढली-गढ़ी मूर्ति बनवा कर तुम्हें दे दूँगी”।

4  उसने अपनी माँ को यह द्रव्य वापस कर दिया और उसकी माँ ने इन से चाँदी के दो सौ षेकेल उसे ले कर सुनार को दिये और उसने उसे ढाल-गढ़ कर एक मूर्ति बनायी। मीका के घर में उसकी प्रतिष्ठा हुई। मीका के घर में एक पूजा-स्तम्भ था।

5  उसने एक एफ़ोद और देवमूर्तियाँ भी बनवायीं और अपने पुत्रों में एक को पुजारी नियुक्त किया।

6  उन दिनों इस्राएल में कोई राजा नहीं था। प्रत्येक व्यक्ति मनमानी करता था।

7  उस समय यूदा के बेथलेहेम में एक यूदावंशी नवयुवक रहता था। वह लेवी था और प्रवासी की तरह वहाँ रह रहा था।

8  वह यूदा के बेथलेहेम नगर छोड़ कर कोई ऐसी जगह ढूँढ़ने लगा, जहाँ वह प्रवासी के रूप में रहे सके। चलते-चलते वह एफ्ऱईम के पहाड़ी प्रदेश में मीका के पास आया।

9  मीका ने उस से पूछा, “तुम कहाँ से आ रहे हो?” उसने उत्तर दिया, “मैं यूदा के बेथलेहेम का लेवी हूँ। मैं कोई ऐसी जगह ढूँढ रहा हूँ, जहाँ मैं प्रवासी के रूप में रह सकूँ।”

10  मीका ने उस से निवेदन किया, “तुम मेरे यहाँ रह कर मेरे पिता और पुजारी बन जाओ। मैं प्रति वर्ष तुम्हें चाँदी के दस षेकेल, एक जोड़ा वस्त्र और भोजन दिया करूँगा।”

11  उस लेवी ने उस मनुष्य के साथ रहना स्वीकार कर लिया और उसने उस नवयुवक को अपने पुत्रों में से एक-जैसा माना।

12  मीका ने उस लेवी को नियुक्त किया और वह नवयुवक मीका का पुजारी बन कर उसके घर में रहने लगा।

13  मीका ने सोचा, “अब मैं निश्चयपूर्वक यह जान गया हूँ कि प्रभु मेरा कल्याण करेगा, क्योंकि मेरा पुजारी एक लेवी है”।