आगमन काल का दूसरा रविवार

📒 पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 40:1-5.9-11

1) तुम्हारा ईश्वर यह कहता है, “मेरी प्रजा को सान्त्वना दो, सान्त्वना दो।

2) यरुसालेम को ढारस बँधओ और पुकार कर उस से यह कहो कि उसकी विपत्ति के दिन समाप्त हो गये हैं और उसके पाप का प्रायश्चित हो चुका है। प्रभु-ईश्वर के हाथ से उसे सभी अपराधों का पूरा-पूरा दण्ड मिल चुका हैं।“

3) यह आवाज़ आ रही है, “निर्जन प्रदेश में प्रभु का मार्ग तैयार करो। हमारे ईश्वर के लिए मैदान में रास्ता सीधा कर दो।

4) हर एक घाटी भर दी जाये। हर एक पहाड़ और पहाड़ी समतल की जाये, खड़ी चट्ठान को मैदान और कगार को घाटी बना दिया जाये।

5) तब प्रभु-ईश्वर की महिमा प्रकट हो जायेगी और सब शरीरधारी उसे देखेंगे; क्योंकि प्रभु ने ऐसा ही कहा है।“

9) सियोन को शुभ सन्देश सुनाने वाले! ऊँचे पहाड़ पर चढ़ो। यरुसालेम को शुभ सन्देश सुनाने वाले! अपनी आवाज़ ऊँची कर दो। निडर हो कर यूदा के नगरों से पुकार कर यह कहोः “यही तुम्हारा ईश्वर है।“

10) देखो प्रभु-ईश्वर सामध्र्य के साथ आ रहा है। वह सब कुछ अपने अधीन कर लेगा। वह अपना पुरस्कार अपने साथ ला रहा है और उसका विजयोपहार भी उसके साथ है।

11) वह गड़ेरिये की तरह अपना रेवड़ चराता है। वह मेमने को उठा कर अपनी छाती से लगा लेता और दूध पिलाने वाली भेडें धीरे-धीरे ले चलता है।

📕 दूसरा पाठ : पेत्रुस का दूसरा पत्र 3:8-14

8) प्यारे भाइयो! यह बात अवश्य याद रखें कि प्रभु की दृष्टि में एक दिन हज़ार वर्ष के समान है और हज़ार वर्ष एक दिन के समान।

9) प्रभु अपनी प्रतिज्ञाएं पूरी करने में विलम्ब नहीं करता, जैसा कि कुछ लोग समझते हैं। किन्तु वह आप लोगों के प्रति सहनशील है और यह चाहता है कि किसी का सर्वनाश नहीं हो, बल्कि सब-के-सब पश्चाताप करें।

10) प्रभु का दिन चोर की तरह आयेगा। उस दिन आकाश गरजता हुआ विलीन हो जायेगा, मूलतत्व जल कर पिघल जायेंगे और पृथ्वी तथा उस पर जो कुछ है, वह सब भस्म हो जायेगा।

11) यदि यह सब इस प्रकार नष्ट होने को है, तो आप लोगों को चाहिए कि पवित्र तथा भक्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करें

12) और उत्सुकता से इ्रश्वर के दिन की प्रतीक्षा करें। उस दिन आकाश जल कर विलीन हो जायेगा और मूलतत्व ताप के कारण पिघल जायेंगे।

13) हम उसकी पतिज्ञा के आधार पर एक नये आकाश तथा एक नयी पृथ्वी की प्रतीक्षा करते हैं; जहाँ धार्मिकता निवास करेगी।

14) इसलिए, प्यारे भाइयो! इन बातों की प्रतीक्षा करते हुए इस प्रकार प्रयत्न करते रहे कि आप लोग प्रभु की दृष्टि में निष्कलंक, निर्दोष तथा उसके अनुकूल हों।

📙 सुसमाचार : सन्त मारकुस 1:1-8

1) ईश्वर के पुत्र ईसा मसीह के सुसमाचार का प्रारम्भ।

2) नबी इसायस के ग्रन्थों में लिखा है- मैं अपने दूत को तुम्हारे आगे भेजता हूँ। वह तुम्हारा मार्ग तैयार करेगा।

3) निर्जन प्रदेश में पुकारने वाले की आवाज़- प्रभु का मार्ग तैयार करो; उसके पथ सीधे कर दो।

4) इसी के अनुसार योहन बपतिस्ता निर्जन प्रदेश में प्रकट हुआ, जो पापक्षमा के लिए पश्चाताप के बपतिस्मा का उपदेश देता था।

5) सारी यहूदिया और येरुसालेम के लोग योहन के पास आते और अपने पाप स्वीकार करते हुए यर्दन नदी में उस से बपतिस्मा ग्रहण करते थे।

6) योहन ऊँट के रोओं का कपड़ा पहने और कमर में चमड़े का पट्टा बाँधे रहता था। उसका भोजन टिड्डियाँ और वन का मधु था।

7) वह अपने उपदेश में कहा करता था, ’’जो मेरे बाद आने वाले हैं, वह मुझ से अधिक शक्तिशाली हैं। मैं तो झुक कर उनके जूते का फ़ीता खोलने योग्य भी नहीं हूँ।

8) मैंने तुम लोगों को जल से बपतिस्मा दिया है। वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देंगे।’’