चालीसा – काल
राख-बुधवार के बाद
आज की संत: कुँवारी मरियम सेवक समाज के सात संस्थापक
📒 पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 58 : 9 – 14
9 यदि तुम पुकारोगे, तो ईश्वर उत्तर देगा। यदि तुम दुहाई दोगे, तो वह कहेगा-‘देखो, मैं प्रस्तुत हूँ‘। यदि तुम अपने बीच से अत्याचार दूर करोगे, किसी पर अभियोग नहीं लगाओगे और किसी की निन्दा नहीं करोगे;
10 यदि तुम भूखों को अपनी रोटी खिलाओगे और पद्दलितों को तृप्त करोगे, तो अन्घकार में तुम्हारी ज्योति का उदय होगा और तुम्हारा अन्धकार दिन का प्रकाश बन जायेगा।
11 प्रभु निरन्तर तुम्हारा पथप्रदर्शन करेगा। वह मरुभूमि में भी तुम्हें तृप्त करेगा और तुम्हें शक्ति प्रदान करता रहेगा। तुम सींचे हुए उद्यान के सदृश बनोगे, जलस्रोत के सदृश, जिसकी धारा कभी नहीं सूखती।
12 तब तुम पुराने खँडहरों का उद्धार करोगे और पूर्वजों की नींव पर अपना नगर बसाओगे। तुम चारदीवारी की दरारें पाटने वाले और टूटे-फूटे घरों के पुनर्निर्माता कहलाओगे।
13 “यदि तुम विश्राम-दिवस का नियम भंग करना छोड़ दोगे और उस पावन दिवस को कारबार नहीं करोगे; यदि तुम उसे आनन्द का दिन, प्रभु को अर्पित तथा प्रिय दिवस समझोगे; यदि उसके आदर में यात्रा पर नहीं जाओगे, अपना कारबार नहीं करोगे और निरर्थक बातें नहीं करोगे,
14 तो तुम्हें प्रभु का आनन्द प्राप्त होगा। मैं तुम लोगों को देश के पर्वत प्रदान करूँगा और तुम्हारे पिता याकूब की विरासत में तृप्त करूँगा।“ यह प्रभु का कथन है।
📙 सुसमाचार : सन्त लूकस 5 : 27 – 32
27 इसके बाद ईसा बाहर निकले। उन्होंने लेवी नामक नाकेदार को चुंगीघर में बैठा हुआ देखा और उस से कहा, “मेरे पीछे चले आओ”।
28 वह उठ खड़ा हुआ और अपना सब कुछ छोड़ कर ईसा के पीछे हो लिया।
29 लेवी ने अपने यहाँ ईसा के सम्मान में एक बड़ा भोज दिया। नाकेदार और अतिथि बड़ी संख्या में उनके साथ भोजन पर बैठे।
30 फरीसी और शास्त्री भुनभुनाते और उनके शिष्यों से यह कहते थे, “तुम लोग नाकेदारों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?”
31 ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, “निरोगियों को नहीं, रोगियों को वैद्य की ज़रूरत होती है।
32 मैं धर्मियों को नहीं, पापियों को पश्चाताप के लिए बुलाने आया हूँ।