सामान्य – काल
दूसरा सप्ताह

आज के संत: संत अन्तोनी

📒 पहला पाठ: समूएल का पहला ग्रन्थ 17: 32-33,37,40-51

32 दाऊद ने साऊल से कहा, “उस फ़िलिस्ती के कारण कोई भी हिम्मत न हारे। आपका यह सेवक उससे लड़ने जायेगा।”

33 इस पर साऊल ने यह उत्तर दिया, “तुम उस फ़िलिस्ती से लड़ने नहीं जा सकते। तुम तो अभी किशोर हो और वह लड़कपन से ही वीर योद्धा है।”

37 प्रभु ने मुझे सिंह और भालू के पंजे से बचा लिया। वह मुझे उस फ़िलिस्ती के हाथ से भी बचायेगा।” इस पर साऊल ने दाऊद से कहा, “जाओ। प्रभु तुम्हारे साथ हो।”

40) तब दाऊद ने अपनी लाठी हाथ में ली और नाले से पाँच चिकने पत्थर चुन कर अपनी चरवाहे की झोली के जेब में रख लिये। तब वह हाथ में ढेलवाँस लिये फ़िलिस्ती की ओर बढ़ा।

41 फ़िलिस्ती भी धीरे-धीरे दाऊद की ओर बढ़ा। उसका ढालवाहक उसके आगे-आगे चलता था।

42 फिलिस्ती ने दाऊद को देखा और उस पर आँखें दौड़ा कर उसका तिरस्कार किया, क्योंकि वह किशोर था (उसका रंग गुलाबी और शरीर सुडौल था) ।

43 फ़िलिस्ती ने दाऊद से कहा, “क्या तुम मुझे कुत्ता समझे हो, जो लाठी लिये मुझ से लड़ने आये?” और वह अपने देवताओं का नाम ले कर दाऊद को कोसने लगा।

44 इसके बाद उसने दाऊद से कहा, “मेरे पास आओ और मैं आकाश के पक्षियों और जंगल के जानवरों को तुम्हारा माँस खिलाऊँगा।”

45 दाऊद ने फ़िलिस्ती को यह उत्तर दिया, “तुम तलवार, भाला और बरछी लिये मुझ से लड़ने आ रहे हो। मैं तो विश्वमण्डल के प्रभु, इस्राएली सेनाओं के ईश्वर के नाम पर तुम से लड़ने आ रहा हूँ, जिसे तुमने चुनौती दी है।

46 ईश्वर आज तुम को मेरे हवाले कर देगा। मैं तुम को पछाड़ कर तुम्हारा सिर काट डालूँगा और आज ही आकाश के पक्षियों और जंगल के जानवरों को फ़िलिस्तियों की लाशें खिलाऊँगा, जिससे सारी दुनिया यह जान जायेगी कि इस्राएल का अपना ईश्वर है।

47 और यहाँ का सारा समुदाय यह जान जायेगा कि प्रभु तलवार या भाले द्वारा नहीं बचाता। प्रभु ही युद्ध का निर्णय करता है और वह तुम लोगों को हमारे हवाले कर देगा।”

48 जब फ़िलिस्ती फिर आगे बढ़ने लगा, तो दाऊद उसका सामना करने के लिए दौड़ पड़ा।

49 दाऊद ने झोली में हाथ डाल कर एक पत्थर निकाल लिया, उसे ढेलवाँस में लगाया और फ़िलिस्ती के माथे पर मार दिया। वह पत्थर उसके माथे में गड़ गया और वह मुँह के बल भूमि पर गिर पड़ा।

50 इस प्रकार दाऊद ढेलवाँस और पत्थर द्वारा फ़िलिस्ती पर विजयी हुआ। उसने फ़िलिस्ती को पछाड़ा और मार डाला, यद्यपि उसके हाथ में तलवार नहीं थी।

51 दाऊद फ़िलिस्ती के पास दौड़ा आया उसने फ़िलिस्ती की तलवार म्यान से निकाली और उस से उसका सिर काट कर उसे मार डाला। फ़िलिस्ती लोग यह देख कर कि उनका अपना वीर योद्धा मार डाला गया, भाग खडे़ हुए।

📙 सुसमाचार : संत मारकुस: 3: 1-6

1 ईसा फिर सभागृह गये। वहाँ एक मनुष्य था, जिसका हाथ सूख गया था।

2 वे इस बात की ताक में थे कि ईसा कहीं विश्राम के दिन उसे चंगा करें, और वे उन पर दोष लगायें।

3 ईसा ने सूखे हाथ वाले से कहा, “बीच में खड़े हो जाओ”।

4 तब ईसा ने उन से पूछा, “विश्राम के दिन भलाई करना उचित है या बुराई, जान बचाना या मार डालना?” वे मौन रहे।

5 उनके हृदय की कठोरता देख कर ईसा को दुःख हुआ और वह उन पर क्रोधभरी दृष्टि दौड़ा कर उस मनुष्य से बोले, “अपना हाथ बढ़ाओ”। उसने ऐसा किया और उसका हाथ अच्छा हो गया।

6 इस पर फ़रीसी बाहर निकल कर तुरन्त हेरोदियों के साथ ईसा के विरुद्ध परामर्श करने लगे कि हम किस तरह उनका सर्वनाश करें।