सामान्य काल
वर्ष का तैंतीसवाँ रविवार
आज की संत: हंगरी की संत एलिज़बेथ विधवा, धर्मसंघी

📙 पहला पाठ: दानिएल 12: 1-3

1 “उस समय स्वर्गदूतों का प्रधान और तुम्हारी प्रजा की रक्षा करने वाला मिखाएल उठ खड़ा होगा। जैसा कि राष्ट्रों की उत्पत्ति से अब तक कभी नहीं हुआ है। किन्तु उस समय तुम्हारी प्रजा बच जायेगी- वे सब, जिनका नाम पुस्तक में लिखा रहेगा।

2 जो लोग पृथ्वी की मिट्टी में सोये हुए थे, वे बड़ी संख्या में जाग जायेंगे, कुछ अनन्त जीवन के लिए और कुछ अनन्त काल तक तिरस्कृत और।कलंकित होने के लिए। धर्मी आकाश की ज्योति की तरह प्रकाशमान होंगे

3 और जिन्होंने बहुतों को धार्मिकता की शिक्षा दी है, वे अनन्त काल तक तारों की तरह चमकते रहेंगे।


📘 दूसरा पाठ: इब्रानियों 10: 11-14, 18

11 प्रत्येक दूसरा पुरोहित खड़ा हो कर प्रतिदिन धर्म-अनुष्ठान करता है और बार-बार एक ही प्रकार के बलिदान चढ़ाया करता है, जो पाप हरने में असमर्थ होते हैं।

12 किन्तु पापों के लिए एक ही बलिदान चढ़ाने के बाद, वह सदा के लिए ईश्वर के दाहिने विराजमान हो गये हैं,

13 जहाँ वह उस समय की राह देखते हैं, जब उनके शत्रुओं को उनका पावदान बना दिया जायेगा;

14 क्योंकि वह जिन लोगों को पवित्र करते हैं, उन्होंने उन को एक ही बलिदान द्वारा सदा के लिए पूर्णता तक पहुँचा दिया है।

18 जब पाप क्षमा कर दिये गये हैं, तो फिर आप के लिए बलिदान की आवश्यकता नहीं रही।


📕 सुसमाचार: संत मारकुस 13: 24-32

24 “उन दिनों के संकट के बाद सूर्य अन्धकारमय हो जायेगा, चन्द्रमा प्रकाश नहीं देगा,

25 तारे आकाश से गिर जायेंगे और आकाश की शक्तियाँ विचलित हो जायेंगी।

26 तब लोग मानव पुत्र को अपार सामर्थ्य और महिमा के साथ बादलों पर आते हुए देखेंगे।

27 वह अपने दूतों को भेजेगा और वे चारों दिशाओं से, आकाश के कोने-कोने से, उसके चुने हुए लोगों को एकत्र करेंगे।

28 “अंजीर के पेड़ से शिक्षा लो। जब उसकी टहनियाँ कोमल बन जाती हैं और उन में अंकुर फूटने लगते हैं, तो तुम जान जाते हो कि गरमी आ रही है।

29 इसी तरह, जब तुम लोग यह सब देखोगे, तो जान लो कि वह निकट है, द्वार पर ही है।

30 मैं तुम से यह कहता हूँ कि इस पीढ़ी का अन्त हो जाने के पूर्व ही ये सब बातें घटित हो जायेंगी।

31 आकाश और पृथ्वी टल जायें, तो टल जायें, परन्तु मेरे शब्द नहीं टल सकते।

32 “उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता- न तो स्वर्ग के दूत और न पुत्र। केवल पिता ही जानता है।