चालीसा – काल

चालीसे का पहला रविवार

आज के संत: येरुसालेम के संत सिमेयोन

📒 पहला पाठ: उत्पत्ति 9 : 8 – 15

8 ईश्वर ने नूह और उसके पुत्रों से यह भी कहा,

9 ”देखो! मैं तुम्हारे और तुम्हारे वंशजों के लिए अपना विधान ठहराता हूँ!

10 और जो प्राणी तुम्हारे चारों ओर विद्यमान है, अर्थात पक्षी, चौपाये और सब जंगली जानवर, जो कुछ जहाज से निकला है और पृथ्वी भर के सब पशु-उन प्राणियों के लिए भी।

11 मैं तुम्हारे लिए यह विधान ठहराता हूँ-कोई भी प्राणी जलप्रलय से फिर नष्ट नहीं होगा और फिर कभी कोई जलप्रलय पृथ्वी को उजाड़ नहीं बनायेगा।”

12 ईश्वर ने यह भी कहा, ”मैं तुम्हारे लिए, तुम्हारे साथ रहने वाले सभी प्राणीयों के लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए जो विधान ठहराता हूँ, उसका चिह्न यह होगा-

13 मैं बादलों के बीच अपना इन्द्र धनुष रख देता हूँ; वह पृथ्वी के लिए ठहराये हुए मेरे विधान का चिह्न होगा।

14 जब मैं पृथ्वी के ऊपर बादल एकत्र कर लूँगा और बादलों में वह धनुष दिखाई पड़ेगा,

15 तब मैं तुम्हारे लिए और सब प्राणियों के लिए ठहराये अपने विधान को याद करूँगा और फिर कभी जलप्रलय सभी शरीरधारियों का विनाश नहीं करेगा।

📕 दूसरा पाठ : पेत्रुस का पहला पत्र 3: 18 – 22

18 मसीह भी एक बार पापों के प्रायश्चित के लिए मर गये, धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह हम लोगों को ईश्वर के पास ले जाये, वह शरीर की दृष्टि से तो मारे गये, किन्तु आत्मा द्वारा जिलाये गये।

19 वह इसी रूप में कैदी आत्माओं को मुक्ति का सन्देश सुनाने गये।

20 उन लोगों ने बहुत पहले ईश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया था, जब वह धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहा था और नूह का जहाज़ बन रहा था। उस जहाज में थोड़े ही अर्थात् आठ व्यक्ति जल से बच गये है।

21 यह बपतिस्मा का प्रतीक है, जो अब आपका उद्धार करता है। बपतिस्मा का अर्थ शरीर का मैल धोना नहीं, बल्कि शुद्ध हृदय से अपने को ईश्वर के प्रति समर्पित करना है। यह बपतिस्मा ईसा मसीह के पुनरुत्थान द्वारा हमारा उद्धार करता है।

22 ईसा स्वर्ग गये और स्वर्ग के सभी दूतों को अपने अधीन कर ईश्वर के दाहिने विराजमान हैं।

📙 सुसमाचार : सन्त मारकुस 1: 12 – 15

12 इसके बाद आत्मा ईसा को निर्जन प्रदेश ले चला।

13 वे चालीस दिन वहाँ रहे और शैतान ने उनकी परीक्षा ली। वे बनैले पशुओं के साथ रहते थे और स्वर्गदूत उनकी सेवा-परिचर्या करते थे।

14 योहन के गिरफ़्तार हो जाने के बाद ईसा गलीलिया आये और यह कहते हुए ईश्वर के सुसमाचार का प्रचार करते रहे,

15 “समय पूरा हो चुका है। ईश्वर का राज्य निकट आ गया है। पश्चाताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो।”