सामान्य – काल
दुसरा सप्ताह
आज के संत: संत फ़बियानुस, पोप, शहीद संत सेबास्तियन, शहीद
📒पहला पाठ: समूएल का दुसरा ग्रन्थ 1: 1-4, 11-12, 17, 19, 23-27
1 साऊल की मृत्यु के बाद दाऊद ने अमालेकियों को हरा कर सिकलग में दो दिन बिताये।
2 तीसरे दिन साऊल के शिविर से एक आदमी आया। उसके कपडे़ फटे हुए थे और वह सिर पर मिट्टी डाले हुए था। उसने दाऊद के पास पहॅुँचने पर मुँह के बल गिर कर उसे दण्डवत् किया।
3 दाऊद ने उस से कहा, “कहाँ से आ रहे हो?” उसने उत्तर दिया, “मैं इस्राएलियों के शिविर से भाग निकला हूँ।” दाऊद ने पूछा, “क्या हुआ?” मुझे बताओ!”
4 उसने कहा, “सेना रणभूमि से भाग गयी और बहुत-से लोग मर गये। साऊल और उसके पुत्र योनातान की भी मृत्यु हो गयी है।”
11 दाऊद ने अपने कपड़े फाड़ डाले और उसके साथ के सब लोगों ने ऐसा ही किया।
12 वे विलाप करने और रोने लगे; क्योंकि साऊल, उसका पुत्र योनातान और ईश्वर की प्रजा, इस्राएल का घराना, ये सब तलवार के घाट उतार दिये गये थे और उन्होंने शाम तक उपवास किया
17 इसके बाद दाऊद ने साऊल और उसके पुत्र योनातान पर यह शोक-गीत गाया
19 साऊल और योनातान, इस्राएल के गौरव, पर्वत पर मारे गये! वीर योद्धा कैसे मारे गये?
23 साउल और योनातान, सौम्य और परम प्रिय, जीवन में और मरण में भी अलग नहीं हुए! वे गरूड़ों से भी अधिक द्रुतगामी थे, सिंहों से भी अधिक शक्तिशाली!
24 इस्राएल की पुत्रियों। साऊल पर विलाप करो! वह तुम्हें सुन्दर किरमिजी और छालटी पहनाते थे, वह तुम्हारे वस्त्र पर स्वर्ण आभूषण सजाते थे।
25 वीर योद्धा युद्ध में कैसे मारे गये? योनातान! तुम युद्व में खेत आये और पर्वत पर निर्जीव पड़े हुए हो!
26 भाई यानातान! तुम्हारे कारण मेरा हृदय भारी है। मैं तुम को बहुत अधिक प्यार करता था। स्त्रियों के प्रेम की अपेक्षा तुम्हारा प्रेम मेरे लिए अधिक मूल्यवान् था।
27 वीर योद्धा कैसे मारे गये? युद्ध के अस्त्र-शस्त्र कैसे नष्ट हुए?
📙 सुसमाचार: संत मारकुस 3: 20-21
20 वे घर लौटे और फिर इतनी भीड़ एकत्र हो गयी कि उन लोगों को भोजन करने की भी फुरसत नहीं रही।
21 जब ईसा के सम्बन्धियों ने यह सुना, तो वे उन को बलपूर्वक ले जाने निकले; क्योंकि कहा जाता था कि उन्हें अपनी सुध-बुध नहीं रह गयी है।