सामान्य – काल
वर्ष का तीसरा रविवार
आज के संत: संत आग्नेस कुँवारी
📒 पहला पाठ: योना 3: 1-5, 10
1 प्रभु के वाणी योना को दूसरी बार यह कहते हुए सुनाई पडी,
2 “उठो! महानगर निनीवे जा कर वहाँ के लोगों को उपदेश दो, जैसा कि मैंने तुम्हें बताया है”।
3 इस पर योना उठ खडा हुआ और प्रभु के आज्ञानुसार निनीवे चला गया। निनीवे एक बहुत बड़ा शहर था। उसे पार करने में तीन दिन लगते थे।
4 योना ने उस में प्रवेश किया और एक दिन की यात्रा पूरी करने के बाद वह इस प्रकार उपदेश देने, लगा “चालीस दिन के बाद निनीवे का विनाश किया जायेगा”।
5 निनीवे के लोगों ने ईश्वर की बात पर विश्वास किया। उन्होंने उपवास की घोषणा की और बडों से लेकर छोटों तक सबों ने टाट ओढ लिया।
10 ईश्वर ने देखा कि वे क्या कर रहे हैं और किस प्रकार उन्होंने कुमार्ग छोड दिया है, तो वह द्रवित हो गया और उसने जिस विपत्ति की धमकी दी थी, उसे उन पर नहीं आने दिया।
📕 दुसरा पाठ: 1 कुरंथियों 7: 29 – 31
29 भाइयो! मैं आप लोगों से यह कहता हूँ – समय थोड़ा ही रह गया है। अब से जो विवाहित हैं, वे इस तरह रहे मानो विवाहित नहीं हों;
30 जो रोते है, मानो रोते नहीं हो; जो आनन्द मनाते हैं, मानो आनन्द नहीं मनाते हों; जो खरीद लेते हैं, मानो उनके पास कुछ नहीं हो;
31 जो इस दुनिया की चीज़ों का उपभोग करते है, मानो उनका उपभोग नहीं करते हों; क्योंकि जो दुनिया हम देखते हैं, वह समाप्त हो जाती है।
📙 सुसमाचार: संत मारकुस 1: 14-20
14 योहन के गिरफ़्तार हो जाने के बाद ईसा गलीलिया आये और यह कहते हुए ईश्वर के सुसमाचार का प्रचार करते रहे,
15 “समय पूरा हो चुका है। ईश्वर का राज्य निकट आ गया है। पश्चाताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो।”
16 गलीलिया के समुद्र के किनारे से हो कर जाते हुए ईसा ने सिमोन और उसके भाई अन्द्रेयस को देखा। वे समुद्र में जाल डाल रहे थे, क्योंकि वे मछुए थे।
17 ईसा ने उन से कहा, “मेरे पीछे चले आओ। मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुए बनाऊँगा।”
18 और वे तुरन्त अपने जाल छोड़ कर उनके पीछे हो लिये।
19 कुछ आगे बढ़ने पर ईसा ने ज़ेबेदी के पुत्र याकूब और उसके भाई योहन को देखा। वे भी नाव में अपने जाल मरम्मत कर रहे थे।
20 ईसा ने उन्हें उसी समय बुलाया। वे अपने पिता ज़ेबेदी को मज़दूरों के साथ नाव में छोड़ कर उनके पीछे हो लिये।