चालीसा काल
पहला सप्ताह


आज के संत: प्रेरित संत पत्रुस धर्मासन पर्व

📒 पहला पाठ: 1 पेत्रुस 5: 1 – 4

1 आप लोगों में जो अध्यक्ष हैं, उन से मेरा एक अनुरोध है। मैं भी अध्यक्ष हूँ, मसीह के दुःखभोग का साक्षी और भविष्य में प्रकट होने वाली महिमा का सहभागी।

2 आप लोगों को ईश्वर का जो झुण्ड सौंपा गया, उसका चरवाहा बनें, ईश्वर की इच्छा के अनुसार उसकी देखभाल करें -लाचारी से नहीं, बल्कि खुशी से; घिनावने लाभ के लिए नहीं, बल्कि सेवाभाव से;

3 अपने सौंपे हुए लोगों पर अधिकार जता कर नहीं, बल्कि झुण्ड के लिए आदर्श बन कर,

4 और जिस समय प्रधान चरवाहा प्रकट हो जायेगा, आप लोगों को कभी न मुरझाने वाली महिमा की माला पहना दी जायेगी।

📙 सुसमाचार : सन्त मत्ती : 16 : 13 – 19

13 ईसा ने कैसरिया फि़लिपी प्रदेश पहुँच कर अपने शिष्यों से पूछा, “मानव पुत्र कौन है, इस विषय में लोग क्या कहते हैं?”

14 उन्होंने उत्तर दिया, “कुछ लोग कहते हैं- योहन बपतिस्ता; कुछ कहते हैं- एलियस; और कुछ लोग कहते हैं- येरेमियस अथवा नबियों में से कोई”।

15 ईस पर ईसा ने कहा, “और तुम क्सा कहते हो कि मैं कौन हूँ?

16 सिमोन पुत्रुस ने उत्तर दिया, “आप मसीह हैं, आप जीवन्त ईश्वर के पुत्र हैं”।

17 इस पर ईसा ने उस से कहा, “सिमोन, योनस के पुत्र, तुम धन्य हो, क्योंकि किसी निरे मनुष्य ने नहीं, बल्कि मेरे स्वर्गिक पिता ने तुम पर यह प्रकट किया है।

18 मैं तुम से कहता हूँ कि तुम पेत्रुस अर्थात् चट्टान हो और इस चट्टान पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा और अधोलोक के फाटक इसके सामने टिक नहीं पायेंगे।

19 मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजिया प्रदान करूँगा। तुम पृथ्वी पर जिसका निषेध करोगे, स्वर्ग में भी उसका निषेध रहेगा और पृथ्वी पर जिसकी अनुमति दोगे, स्वर्ग में भी उसकी अनुमति रहेगी।”