सामान्य – काल
तीसरा सप्ताह
आज के संत: संत योहन उपकारक अलेकज़ान्ड्रिया के पेट्रियार्क
📒 पहला पाठ :- 2 समूएल 6:12-15, 17-19
12 राजा दाऊद को ख़बर मिली की प्रभु ने ईश्वर की मंजूषा के कारण ओबेद-एदोम के घर वालों और उसकी सम्पत्ति को आशीर्वाद दिया है; इसलिए दाऊद गया और ईश्वर की मंजूषा ओबेद-एदोम के घर से बड़े आनन्द के साथ दाऊदनगर ले आया।
13 जब ईश्वर की मंजूषा ढोने वाले छः क़दम आगे बढ़े थे, तो दाऊद ने एक बैल और एक मोटे बछड़े की बलि चढ़ायी।
14 वह छालटी का अधोवस्त्र पहने प्रभु के सामने उल्लास के साथ नाच रहा था।
15 इस प्रकार दाऊद और सब इस्राएली जयकार करते और तुरही बजाते हुए प्रभु की मंजूषा ले आये।
17 उन्होंने मंजूषा को ला कर उस तम्बू के मध्य में रख दिया, जिसे दाऊद ने उसके लिए खड़ा किया था। इसके बाद दाऊद ने प्रभु को होम और शान्ति के बलिदान चढ़ाये।
18 होम और शान्ति के बलिदान चढ़ाने के बाद दाऊद ने विश्वमण्डल के प्रभु के नाम पर लोगों को आशीर्वाद दिया।
19 अन्त में उसने समस्त प्रजा, सभी एकत्र इस्राएली पुरुषों और स्त्रियों को एक-एक रोटी, भुने हुए मांस का एक-एक टुकड़ा और किशमिश की एक-एक टिकिया दी। इसके बाद सब लोग अपने-अपने घर गये।
📙 सुसमाचार: संत मारकुस 3: 31 – 35
31 उस समय ईसा की माता और भाई आये। उन्होंने घर के बाहर से उन्हें बुला भेजा।
32 लोग ईसा के चारों ओर बैठे हुए थे। उन्होंने उन से कहा, “देखिए, आपकी माता और आपके भाई-बहनें, बाहर हैं। वे आप को खोज रहे हैं।”
33 ईसा ने उत्तर दिया, ’कौन है मेरी माता, कौन हैं मेरे भाई?”
34 उन्होंने अपने चारों ओर बैठे हुए लोगों पर दृष्टि दौड़ायी और कहा, “ये हैं मेरी माता और मेरे भाई।
35 जो ईश्वर की इच्छा पूरी करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माता।”