सामान्य – काल
आठवाँ सप्ताह
आज की संत : धन्य कुँवारी मरियम का अभ्यागमन, पर्व
📒 पहला पाठ: सफ़न्याह 3 : 14 – 18
14 सियोन की पुत्री! आनन्द का गीत गा। इस्राएल! जयकार करो! येरूसालेम की पुत्री! सारे हृदय से आनन्द मना।
15 प्रभु ने तेरा दण्डादेश रद्द किया और तेरे शत्रुओं को भगा दिया है। प्रभु तेरे बीच इस्राएल का राजा है।
16 विपत्ति का डर तुझ से दूर हो गया है। उस दिन येरूसालेम से कहा जायेगा-“सियोन! नहीं डरना, हिम्मत नहीं हारना। तेरा प्रभु-ईश्वर तेरे बीच है।
17 वह विजयी योद्धा है। वह तेरे कारण आनन्द मनायेगा, वह अपने प्रेम से तुझे नवजीवन प्रदान करेगा,
18 वह उत्सव के दिन की तरह तेरे कारण आनन्दविभोर हो जायेगा।” मैं तेरी विपत्ति को दूर करूँगा, मैं तेरा कलंक मिटा दूँगा।
📙 सुसमाचार : संत लूकस 1 : 39 – 56
39 उन दिनों मरियम पहाड़ी प्रदेश में यूदा के एक नगर के लिए शीघ्रता से चल पड़ी।
40 उसने ज़करियस के घर में प्रवेश कर एलीज़बेथ का अभिवादन किया।
41 ज्यों ही एलीज़बेथ ने मरियम का अभिवादन सुना, बच्चा उसके गर्भ में उछल पड़ा और एलीज़बेथ पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गयी।
42 वह ऊँचे स्वर से बोल उठी, “आप नारियों में धन्य हैं और धन्य है आपके गर्भ का फल!
43 मुझे यह सौभाग्य कैसे प्राप्त हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आयीं?
44 क्योंकि देखिए, ज्यों ही आपका प्रणाम मेरे कानों में पड़ा, बच्चा मेरे गर्भ में आनन्द के मारे उछल पड़ा।
45 और धन्य हैं आप, जिन्होंने यह विश्वास किया कि प्रभु ने आप से जो कहा, वह पूरा हो जायेगा!”
46 तब मरियम बोल उठी, “मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
47 मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;
48 क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपा दृष्टि की है। अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
49 क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं। पवित्र है उसका नाम!
50 उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
51 उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है, उसने घमण्डयों को तितर-बितर कर दिया है।
52 उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया और दीनों को महान् बना दिया है।
53 उसने दरिद्रों को सम्पन्न किया और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।
54 इब्राहीम और उनके वंश के प्रति अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
55 उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार अपने दास इस्राएल की सुध ली है।”
56 लगभग तीन महीने एलीज़बेथ के साथ रह कर मरियम अपने घर लौट गयी।