सामान्य – काल
नवाँ सप्ताह
आज के संत : संत बोनिफ़ास धर्माध्यक्ष, शहीद
📒 पहला पाठ : 2 तिमथी 1 : 1 – 3, 6 -12
1 यह पत्र प्रिय पुत्र तिमथी के नाम पौलुस की ओर से है, जिसे ईश्वर ने इस बात का प्रचार करने के लिए ईसा मसीह का प्रेरित चुना है कि उसने हमें जीवन प्रदान करने की जो प्रतिज्ञा की थी, वह ईसा में पूरी हो गयी है।
2 पिता-परमेश्वर और हमारे प्रभु ईसा मसीह तुम्हें कृपा, दया तथा शान्ति प्रदान करें!
3 मैं अपने पूर्वजों की तरह शुद्ध अन्तःकरण से ईश्वर की सेवा करता हूँ और उसे धन्यवाद देता हुआ निरन्तर दिन-रात तुम्हें अपनी प्रार्थनाओं में याद करता हूँ।
6 मैं तुम से अनुरोध करता हूँ कि तुम ईश्वरीय वरदान की वह ज्वाला प्रज्वलित बनाये रखो, जो मेरे हाथों के आरोपण से तुम में विद्यमान है।
7 ईश्वर ने हमें भीरुता का नहीं, बल्कि सामर्थ्य, प्रेम तथा आत्मसंयम का मनोभाव प्रदान किया।
8 तुम न तो हमारे प्रभु का साक्ष्य देने में लज्जा अनुभव करो और न मुझ से, जो उनके लिए बन्दी हूँ, बल्कि ईश्वर के सामर्थ्य पर भरोसा रख कर तुम मेरे साथ सुसमाचार के लिए कष्ट सहते रहो।
9 ईश्वर ने हमारा उद्धार किया और हमें पवित्र जीवन बिताने के लिए बुलाया। उसने हमारे किसी पुण्य के कारण नहीं, बल्कि अपने उद्देश्य तथा अपनी कृपा के कारण ही ऐसा किया। वह कृपा अनादिकाल से ईसा मसीह द्वारा हमें प्राप्त थी,
10 किन्तु अब वह हमारे मुक्तिदासा ईसा मसीह के आगमन से प्रकट हुई है। ईसा ने मृत्यु का विनाश किया और अपने सुसमाचार द्वारा अमर जीवन को आलोकित किया है।
11 मैं उस सुसमाचार का प्रचारक, प्रेरित तथा शिक्षक नियुक्त किया गया हूँ।
12 इस कारण मैं यहाँ यह कष्ट सह रहा हूँ, किन्तु मैं इस से लज्जित नहीं हूँ; क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैंने किस पर भरोसा रखा है। मुझे निश्चय है कि वह मुझे सौंपी हुई निधि को उस दिन तक सुरक्षित रखने में समर्थ है।
📙सुसमाचार : संत मारकुस 12: 18 – 27
18 इसके बाद सदूकी उनके पास आये। उनकी धारणा है कि पुनरुत्थान नहीं होता। उन्होंने ईसा के सामने यह प्रश्न रखा,
19 “गुरुवर! मूसा ने हमारे लिए यह नियम बनाया- यदि किसी का भाई, अपनी पत्नी के रहते निस्सन्तान मर जाये, तो वह उसकी विधवा को ब्याह कर अपने भाई के लिए सन्तान उत्पन्न करे।
20 सात भाई थे। पहले ने विवाह किया और वह निस्सन्तान मर गया।
21 दूसरा उसकी विधवा को ब्याह कर निस्सन्तान मर गया। तीसरे के साथ भी वही हुआ,
22 और सातों भाई निस्सन्तान मर गये। सब के बाद वह स्त्री भी मर गयी।
23 जब वे पुनरुत्थान में जी उठेंगे, तो वह किसकी पत्नी होगी? वह तो सातों की पत्नी रह चुकी है।”
24 ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, “कहीं तुम लोग इसीलिए तो भ्रम में नहीं पड़े हुए हो कि तुम न तो धर्मग्रन्थ जानते हो और न ईश्वर का सामर्थ्य?
25 क्योंकि जब वे मृतकों में से जी उठते हैं, तब न तो पुरुष विवाह करते और न स्त्रियाँ विवाह में दी जाती है; बल्कि वे स्वर्गदूतों के सदृश होते हैं।
26 “जहाँ तक पुनरुत्थान का प्रश्न है, क्या तुम लोगों ने मूसा के ग्रन्थ में, झाड़ी की कथा में, यह नहीं पढ़ा कि ईश्वर ने मूसा से कहा- मैं इब्राहीम का ईश्वर, इसहाक का ईश्वर और याकूब का ईश्वर हूँ?
27 वह मृतकों का नहीं, जीवितों का ईश्वर है। यह तुम लोगों का भारी भ्रम है।“