सामान्य काल
वर्ष का बाइसवाँ रविवार
आज के संत : कोलकोता की संत मदर तेरेसा, कुँवारी, संस्थापिका


📙पहला पाठ: होशेआ 2: 14, 15, 19-20

14 “मैं उसे लुभा कर मरुभूमि को ले चलूँगा और उसे सान्त्वना दूँगा।

15 वहाँ मैं उसे उसकी दाखबारियाँ लौटा दूँगा; मैं कष्ट की घाटी को आशा के द्वार में परिणत करूँगा। वहाँ वह मुझे स्वीकार करेगी, जैसा कि उसने अपनी जवानी के दिनों में किया था- उस समय, जब वह मिस्र से निकली थीं।

16 “प्रभु की यह वाणी हैः उस समय तुम मुझे ’अपना पति’ कह कर पुकारोगी। तुम फिर कभी मुझे ’अपना बाल’ कह कर नहीं पुकारोगी।

17 मैं उसके होठों के बाल-देवताओं के नाम मिटा दूँगा, जिससे वे फिर कभी याद नहीं रहेंगे।

18 उस समय मैं इस्राएल के पक्ष से वन के पशु-पक्षियों और भूमि पर रेंगेन वाले प्राणियों के साथ व्यवस्थापन स्थापित करूँगा। मैं धनुष, तलवार और युद्धास्त्र तोड दूँगा, जिससे तुम सुख-चैन से जीवन व्यतीत कर सको।

19 मैं सदा के लिए तुम्हें अपनाऊँगा। मैं तुम्हें धर्म और विधि के अनुसार कोमलता और प्यार से अपनाऊँगा।

20 मैं सच्ची निष्टा से तुम्हें अपनाऊँगा और तुम प्रभु को जान जाआंगी।


📕 सुसमाचार: 25 : 31 – 46