ख्रीस्त जयन्ती- काल
आज के संत: संत आन्ड्रे बेसेन्ट

📒 पहला पाठ : 1 योहन 5:5-13

5 संसार का विजयी कौन है? केवल वही, जो यह विश्वास करता है कि ईसा ईश्वर के पुत्र हैं।

6 ईसा मसीह जल और रक्त से आये – न केवल जल से, बल्कि जल और रक्त से। आत्मा इसके विषय में साक्ष्य देता है, क्योंकि आत्मा सत्य है।

7 इस प्रकार ये तीन साक्ष्य देते हैं-

8 आत्मा, जल और रक्त और तीनों एक ही बात कहते हैं।

9 हम मनुष्यों का साक्ष्य स्वीकार करते हैं, किन्तु ईश्वर का साक्ष्य निश्चय ही कहीं अधिक प्रामाणिक है। ईश्वर ने अपने पुत्र के विषय में साक्ष्य दिया है।

10 जो ईश्वर के पुत्र में विश्वास करता है, उसके हृदय में ईश्वर का वह साक्ष्य विद्यमान है। जो ईश्वर में विश्वास नहीं करता, वह उसे झूठा समझता है; क्योंकि वह पुत्र के विषय में ईश्वर का साक्ष्य स्वीकार नहीं करता

11 और वह साक्ष्य यह है – ईश्वर ने अपने पुत्र द्वारा हमें अनन्त जीवन प्रदान किया है।

12 जिसे पुत्र प्राप्त है, उसे वह जीवन प्राप्त है और जिसे पुत्र प्राप्त नहीं है, उसे वह जीवन प्राप्त नहीं।

13 तुम सभी ईश्वर के पुत्र के नाम में विश्वास करते हो। मैं तुम्हें यह पत्र लिख रहा हूँ, जिससे तुम यह जानो कि तुम्हें अनन्त जीवन प्राप्त है।

📙सुसमाचार : मारकुस 1:7-11

7 वह अपने उपदेश में कहा करता था, “जो मेरे बाद आने वाले हैं, वह मुझ से अधिक शक्तिशाली हैं। मैं तो झुक कर उनके जूते का फ़ीता खोलने योग्य भी नहीं हूँ।

8 मैंने तुम लोगों को जल से बपतिस्मा दिया है। वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देंगे।”

9 उन दिनों ईसा गलीलिया के नाज़रेत से आये। उन्होंने यर्दन नदी में योहन से बपतिस्मा ग्रहण किया।

10 वे पानी से निकल ही रहे थे कि उन्होंने स्वर्ग को खुलते और आत्मा को कपोत के रूप में अपने ऊपर आते देखा।

11 और स्वर्ग से यह वाणी सुनाई दी, “तू मेरा प्रिय पुत्र है। मैं तुझ पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”