सामान्य – काल
पाँचवाँ सप्ताह


आज के संत: संत जेरोम एमिलियानी

📒 पहला पाठ: राजाओं का पहला ग्रन्थ 11: 4 – 13

4 जब सुलेमान बूढ़ा हो गया, तो उसकी पत्नियों ने उस से अन्य देवताओं की उपासना करवायी। वह अपने पिता दाऊद की तरह प्रभु के प्रति पूर्ण रूप से ईमानदार नहीं रहा ।
5 वह सीदोनियों की देवी अश्तारता और अम्मोनियों के घृणित देवता मिलकोम की उपासना करता था।
6 उसने वह काम किया, जो प्रभु की दृष्टि में बुरा है और वह अपने पिता की तरह प्रभु के प्रति ईमादार नहीं रहा।
7 उस समय सुलेमान ने येरूसालेम के पूर्व की पहाड़ी पर मेाआबियों के घृणित देवता कमोश के लिए और अम्मनियों के घृणित देवता मोलेक के लिए एक-एक मन्दिर बनवाया।
8 उसने अपनी दूसरी पत्नियों के लिए भी वही किया और वे अपने-अपने देवताओं को धूप और बलि दान चढ़ाया करती थीं।
9 इसलिए प्रभु सुलेमान पर क्रुद्ध हुआ, क्योंकि वह इस्राएल के प्रभु-ईश्वर के प्रति ईमानदार नहीं रहा। ईश्वर सुलेमान को दो बार दिखाई दिया।
10 और उसने उस अवसर पर उसे अन्य देवताओं की उपासना करने से मना किया था; किन्तु उसने उस आदेश का पालन नहीं किया था।
11 प्रभु ने सुलेमान से कहा, “तुमने यह काम किया- तुमने मेरे विधान और मेरे दिये आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए मैं तुम से राज्य छीन कर तुम्हारे सेवक को दे दूँगा।
12 किन्तु तुम्हारे पिता दाऊद के कारण मैं तुम्हारे जीवनकाल में ऐसा नहीं करूँगा। मैं उसे तुम्हारे पुत्र के हाथ से छीन लूँगा।
13 मैं सारा राज्य भी नहीं लूँगा। मैं अपने सेवक दाऊद और अपने चुने हुए नगर येरूसालेम के कारण तुम्हारे पुत्र को एक ही वंश प्रदान करूँगा।

📙 सुसमाचार : सन्त मारकुस 7: 24 – 30

24 ईसा वहाँ से विदा हो कर तीरूस और सिदोन प्रान्त गये। वहाँ वे किसी घर में ठहरे और वे चाहते थे कि किसी को इसका पता न चले, किन्तु वे अज्ञात नहीं रह सके।
25 एक स्त्री ने, जिसकी छोटी लड़की एक अशुद्ध आत्मा के वश में थी, तुरन्त ही इसकी चर्चा सुनी और वह उनके पास आ कर उनके चरणों पर गिर पड़ी।
26 वह स्त्री ग़ैर-यहूदी थी; वह तो जन्म से सूरुफि़नीकी थी। उसने ईसा से विनती की कि वे उसकी बेटी से अपदूत को निकाल दें।
27 ईसा ने उस से कहा, “पहले बच्चों को तृप्त हो जाने दो। बच्चों की रोटी ले कर पिल्लों के सामने डालना ठीक नहीं है।”
28 उसने उत्तर दिया, “जी हाँ, प्रभु! फिर भी पिल्ले मेज़ के नीचे बच्चों की रोटी का चूर खाते ही हैं”।
29 इस पर ईसा ने कहा, “जाओ। तुम्हारे ऐसा कहने के कारण अपदूत तुम्हारी बेटी से निकल गया है।”
30 अपने घर लौट कर उसने देखा कि बच्ची खाट पर पड़ी हुई है और अपदूत उस से निकल चुका है।