जुलाई 23, 2023, रविवार के पाठ
वर्ष का सोलहवाँ सामान्य सप्ताह
📒 पहला पाठ: प्रज्ञा ग्रन्थ: 12:13, 16-19
तुझे छोड़ कर और कोई ईश्वर नहीं। तू ही समस्त सृष्टि की रक्षा करता हैं। यह आवश्यक नहीं कि तू किसी को इसका प्रमाण दे कि तेरे निर्णय सही है। तेरा न्याय तेरे सामर्थ्य पर आधारित है। तू सब का स्वामी है और इसलिए सब पर दया करता है। तू तभी अपना सामर्थ्य प्रकट करता है, जब तेरी सर्वशक्तिमत्ता पर सन्देह किया जाता है। तू उसी को दण्ड देता है, जो तेरी प्रभुता जान कर तुझे चुनौती देता है। तू शक्तिशाली होते हुए भी उदारतापूर्वक न्याय करता और बड़ी कृपालुता से हम पर शासन करता है, क्योंकि तू इच्छानुसार अपना सामर्थ्य दिखा सकता है। इस प्रकार तूने अपनी प्रजा को यह शिक्षा दी है कि धर्मी को अपने भाइयों के प्रति सहृदय होना चाहिए और तूने अपने पुत्रों को यह भरोसा दिलाया कि पाप के बाद तू उन्हें पश्चात्ताप का अवसर देगा।
📒दूसरा पाठ: रोमियों 8:26-27
आत्मा भी हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करता है। हम यह नहीं जानते कि हमें कैसे प्रार्थना करनी चाहिए, किन्तु हमारी अस्पष्ट आहों द्वारा आत्मा स्वयं हमारे लिए विनती करता है। ईश्वर हमारे हृदय का रहस्य जानता है। वह समझाता है कि आत्मा क्या कहता है, क्योंकि आत्मा ईश्वर के इच्छानुसार सन्तों के लिए विनती करता है।
📒सुसमाचार: संत मत्ती 13:24-43
ईसा ने उनके सामने एक और दृष्टान्त प्रस्तुत किया,”स्वर्ग का राज्य उस मनुष्य के सदृश है, जिसने अपने खेत में अच्छा बीज बोया था। परन्तु जब लोग सो रहे थे, तो उसका बैरी आया और गेहूँ में जंगली बीज बो कर चला गया। जब अंकुर फूटा और बालें लगीं, तब जंगली बीज भी दिखाई पड़ा। इस पर नौकरों ने आ कर स्वामी से कहा, ‘मालिक, क्या आपने अपने खेत में अच्छा बीज नहीं बोया था? उस में जंगली बीज कहाँ से आ पड़ा?’ स्वामी ने उन से कहा, ‘यह किसी बैरी का काम है’। तब नौकरों ने उस से पूछा, ‘क्या आप चाहते हैं कि हम जा कर जंगली बीज बटोर लें? स्वामी ने उत्तर दिया, ‘नहीं, कहीं ऐसा न हो कि जंगली बीज बटोरते समय तुम गेहूँ भी उखाड़ डालो। कटनी तक दोनों को साथ-साथ बढ़ने दो। कटनी के समय मैं लुनने वालों से कहूँगा-पहले जंगली बीज बटोर लो और जलाने के लिए उनके गट्ठे बाँधो। तब गेहूँ मेरे बखार में जमा करो’।” ईसा ने उनके सामने एक और दृष्टान्त प्रस्तुत किया, “स्वर्ग का राज्य राई के दाने के सदृश है, जिसे ले कर किसी मनुष्य ने अपने खेत में बोया। वह तो सब बीजों से छोटा है, परन्तु बढ़ कर सब पौधों से बड़ा हो जाता है और ऐसा पेड़ बनता है कि आकाश के पंछी आ कर उसकी डालियों में बसेरा करते हैं।” ईसा ने उन्हें एक और दृष्टान्त सुनाया, “स्वर्ग का राज्य उस ख़मीर के सदृश है, जिसे ले कर किसी स्त्री ने तीन पंसेरी आटे में मिलाया और सारा आटा खमीर हो गया”। ईसा दृष्टान्तों में ही ये सब बातें लोगों को समझाते थे। वह बिना दृष्टान्त के उन से कुछ नहीं कहते थे, जिससे नबी का यह कथन पूरा हो जाये- मैं दृष्टान्तों में बोलूँगा। पृथ्वी के आरम्भ से जो गुप्त रहा, उसे मैं प्रकट करूँगा। ईसा लोगों को विदा कर घर लौटे। उनके शिष्यों ने उनके पास आ कर कहा, “खेत में जंगली बीज का दृष्टान्त हमें समझा दीजिए”। ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, “अच्छा बीज बोने वाला मानव पुत्र है; खेत संसार है; अच्छा बीज राज्य की प्रजा है; जंगली बीज दुष्ट आत्मा की प्रजा है; बोने वाला बैरी शैतान है; कटनी संसार का अन्त है; लूनने वाले स्वर्गदूत हैं। जिस तरह लोग जंगली बीज बटोर कर आग में जला देते हैं, वैसा ही संसार के अन्त में होगा। मानव पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा और वे उसके राज्य की सब बाधाओं और कुकर्मियों को बटोर कर आग के कुण्ड में झोंक देंगे। वहाँ वे लोग रोयेंगे और दाँत पीसते रहेंगे। तब धर्मी अपने पिता के राज्य में सूर्य की तरह चमकेंगे। जिसके कान हों, वह सुन ले।