जुलाई 28, 2023, शुक्रवार के पाठ
वर्ष का सोलहवाँ सामान्य सप्ताह
📒 पहला पाठ: 2 कुरिन्थियों: 10:17-11:2
यदि कोई गर्व करना चाहे, तो वह प्रभु पर गर्व करे। जो अपनी सिफारिश करता है, वह नहीं, बल्कि जिसे प्रभु की सिफारिश प्राप्त है, वही सुयोग्य है। ओह, यदि आप लोग मेरी थोड़ी-सी नादानी सह लेते! खैर, आप मुझ को अवश्य सहेंगे। मैं जितनी तत्परता से आप लोगों की चिन्ता करता हूँ वह ईश्वर की चिन्ता जैसी है। मैंने आपके एकमात्र दुलहे मसीह के साथ आपका वाग्दान सम्पन्न किया, जिससे मैं आप को पवित्र कुँवारी की तरह उनके सामने प्रस्तुत कर सकूँ।
📒सुसमाचार: संत मत्ती 13:18-23
“अब तुम लोग बोने वाले का दृष्टान्त सुनो। यदि कोई राज्य का वचन सुनता है, लेकिन समझता नहीं, तब उसके मन में जो बोया गया है, उसे शैतान आ कर ले जाता हैः यह वह है, जो रास्ते के किनारे बोया गया है। जो पथरीली भूमि मे बोया गया है, यह वह है, जो वचन सुनते ही प्रसन्नता से ग्रहण करता है; परन्तु उस में जड़ नहीं है, और वह थोड़े ही दिन दृढ़ रहता है। वचन के कारण संकट या अत्याचार आ पड़ने पर वह तुरन्त विचलित हो जाता है। जो काँटों में बोया गया हैः यह वह है, जो वचन सुनता है; परन्तु संसार की चिन्ता और धन का मोह वचन को दबा देता है और वह फल नहीं लाता। जो अच्छी भूमि में बोया गया हैः यह वह है, जो वचन सुनता और समझता है और फल लाता है, कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, और कोई तीस गुना।’’